मुंबई: फिल्म अभिनेता सोनू सूद इन दिनों प्रवासियों को उनके घर तक पहुंचाने के लिए सुर्खियों में बने हुए हैं। हर कोई उनकी तारीफ करते हुए नहीं थक रहा है। लेकिन लगता है कि शिवसेना को सोनू का यह कार्य पसंद नहीं आ रहा है और इसकी एक बानगी शिवसेना नेता संजय राउत के बयान से देखने को मिली। संजय राउत ने आश्चर्य व्यक्त किया कि कहीं लॉकडाउन के कारण महाराष्ट्र में फंसे उत्तर भारतीय प्रवासियों को ''सहायता की पेशकश'' करने के पीछे अभिनेता सोनू सूद को भाजपा का अंदरुनी तौर पर समर्थन हासिल तो नहीं था? इस राजनीतिक मकसद के साथ कि राज्य की उद्धव ठाकरे सरकार को बदनाम किया जा सके।
सूद ने किया अच्छा काम
लेकिन संजय राउत के इस बयान पर सत्ता में उनकी सहयोगी एनसीपी ने बिल्कुल उलट प्रतिक्रिया दी है। एनसीपी नेता और महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने मीडिया से बात करते हुए कहा, 'अभिनेता सोनू सूद ने बहुत सारे प्रवासी कामगारों को उनके घरों में भेजकर अच्छा काम किया है। मैंने नहीं सुना कि संजय राउत साहब ने क्या कहा। जो कोई भी इस तरह की अच्छी पहल करेगा, हम उसकी सराहना करेंगे। वह सोनू सूद हो या कोई और।'
शिवसेना ने सोनू सूद को कहा महात्मा
शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' में लिखे अपने साप्ताहिक कॉलम में राउत ने लॉकडाउन के दौरान महाराष्ट्र के सामाजिक परिदृश्य में अचानक 'महात्मा' सूद के सामने आने को लेकर सवाल खड़ा किया था।उन्होंने 2019 के आम चुनाव से पहले सामने आए सूद के एक स्टिंग ऑपरेशन का भी हवाला देते हुए कहा कि वह भाजपा नीत सरकार के कार्यों को अपने आधिकारिक सोशल मीडिया खातों के जरिए विभिन्न प्लेटफॉर्म पर प्रचार के लिए तैयार थे।
भाजपा ने लिया गोद- राउत
बाद में अपने बयान को लेकर मीडिया को सफाई देते हुए राउत ने कहा, 'सूद एक अभिनेता हैं जिनका पेशा दूसरों की लिखी पटकथा पर संवाद बोलना है और इससे आजीविका कमाना है। यहां सूद जैसे तमाम लोग हैं जोकि अच्छा भुगतान होने पर किसी भी राजनीतिक दल का प्रचार करेंगे। भाजपा ने सोनू सूद को गोद लिया (राजनीतिक रूप से) और उत्तर भारतीय प्रवासी मजदूरों के बीच प्रभाव बनाने का प्रयास किया।'
Mumbai News in Hindi (मुंबई समाचार), Times now के हिंदी न्यूज़ वेबसाइट -Times Now Navbharat पर। साथ ही और भी Hindi News (हिंदी समाचार) के अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें।