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BPSC Success Story : दो बच्‍चों की मां बनने के बाद भी जारी रखी पढ़ाई, जानें एक नर्स का SDM बनने का सफर

Updated Nov 11, 2019 | 07:00 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

Priti Kumari Success Story: कहते हैं जब मंजिल तय हो तो किसी भी मुश्किल परिस्थिती से गुजरने के लिए आप तैयार रहते हैं। कुछ ऐसा ही प्रीति कुमारी ने भी किया। जानिए कैसे उन्होंने एक नर्स से SDM बनने का सफर तय किया।

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Priti Kumari Success Story
मुख्य बातें
  • प्रीति कुमारी ने साल 2016 में बिहार सिविल सेवा आयोग की परीक्षा में सफलता हासिल की है
  • उन्हें ये सफलता पहली बार में ही मिली है
  • हाल ही में उन्होंने बताया कि बीपीएससी की तैयारी वो किस करती थीं

बिहार की रहने वाली प्रीति कुमारी की सफलता से हर किसी को प्रेरणा लेनी चाहिए। उन्होंने ना सिर्फ कम संसाधनों में बल्कि मां होने के साथ-साथ नौकरी की भी जिम्मेदारियों को बखूबी निभाया। उनके लिए बिहार लोक सेवा आयोग की परीक्षा में सफलता हासिल करना आसान नहीं था। तैयारी के दिनों में वो नौकरी और परिवार दोनों की जरूरतों को देखते हुए अपनी तैयारी के लिए समय निकाला।

प्रीति कुमारी के मुताबिका बिहार लोक सेवा आयोग हो या बाकी परीक्षाओं के लिए लोग अलग-अलग शहरों में जाकर पढ़ाई करते हैं, लेकिन मेरे पास इतना समय नहीं था। बता दें कि उन्होंने साल 2016 में बिहार लोक सेवा आयोग की परीक्षा में 236वीं रैंक हासिल की है। उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई-लिखाई गांव की सरकारी स्कूल से ही पूरी की। बता दें कि नर्सिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने एम्स पटना में पांच साल तक नौकरी।

इसी दौरान प्रीति ने प्रशासनिक सेवा की भी तैयारी शुरू कर दी थी। उन्होंने बताया कि  भले ही सिविल सेवा आयोग की तैयारी करने के लिए मेरे पास वक्त नहीं था, लेकिन मैंने नौकरी और घर के बचे हुए काम से समय निकालने में कामयाब रहती थीं। प्रीति ने बताया कि तैयारी के लिए वो रोजाना 2 से 3 घंटे तक पढ़ाई थी।

नर्स की नौकरी के दौरान प्रीति की सैलरी काफी अच्छी थी, लेकिन वो सामाजिक कार्यों में रुचि रखती थी। वो चाहती थी कि उन्हें प्रशासनिक सेवा में जाने का मौका मिला ताकी उन्हें लोगों से मिलने का मौका मिला। हालांकि उनके पिता नहीं चाहते थे लेकिन प्रीति अपने पहले बच्चे के जन्म के बाद ही बिहार सिविल सेवा आयोग के लिए फॉर्म भर दिया था। उन्होंने बताया जब वो इस परीक्षा के पीटी की तैयारी कर रही थी तब वो चार महीने की प्रेग्नेंट थी। इस दौरान वो दो महीने तक लगातार तैयारी करती रहीं।

 

परीक्षा देने के बाद उन्हें एहसास हो गया था कि वो इसे पास कर लेंगी। जब उनके दूसरे बच्चे का जन्म हुआ तब तक रिजल्ट नहीं आया था। इस दौरान उन्होंने अपनी नौकरी को वापस से ज्वाइन कर लिया। इसी बीच मेन्स का रिजल्ट आ गया था। प्रीति के मुताबिक वो मेन्स की तैयारी अपनी बेटी को ध्यान रखते हुए किया। इसके अलावा वो नौकरी भी जाती थी, जब उन्हें ऐसा लगता कि उन्हें छुट्टी ले लेनी चाहिए तो वे लेती भी थी। जब रिजल्ट आया तो उनमे एक अलग ही आत्मविश्वास था, परीक्षा के पैटर्न को समझते हुए उन्होंने इंटरव्यू के लिए तैयारी की और सलेक्ट हो गईं।