IAS success story of abhishek sharma: मेहनत करने वालों की कभी हार नहीं होती। सच्ची लगन हो तो दुनिया का कोई काम नामुमकिन नहीं। इन बातों को सटीक साबित कर दिया जम्मू कश्मीर के रहने वाले अभिषेक शर्मा। अभिषेक को अंग्रेजी में जवाब देने से डर लगता था लेकिन अपने इस डर से वह भागे नहीं। वह लड़े और डटे रहे। उसके बाद देश की सबसे मुश्किल कही जाने वाले संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की परीक्षा में 69वीं रैंक लाकर आईएएस बनकर दिखाया।
अभिषेक शर्मा की कहानी उन तमाम युवाओं के लिए उदाहरण है जो किसी न किसी कमजोरी का शिकार होते हैं। अगर आपमें आत्मविश्वास की कमी है, अंग्रेजी अच्छे से नहीं बोल पाते या समझ पाते हैं तो इस तरह के डर से भागने की बजाय उससे जूझकर ही जीता जा सकता है। अभिषेक ने भी वही किया। साल 2007 में उन्होंने आईएएस में 69वीं रैंक हासिल की है।
अपने इंटरव्यू के बारे में खुद अभिषेक ने कहा था कि मैं वहां से आता हूं जहां से कम लोग आईएएस बनते हैं। मैंने सिविल सर्विस में जाने का सपना देखा। उन्होंने दिल्ली आकर कोचिंग शुरू की। अभिषेक हिंदी मीडियम से थे और दो बार मेंस तक पहुंचे लेकिन इंटरव्यू नहीं पास कर सके। उन्हें लगता था कि मैं अंग्रेजी में जवाब नहीं दे पाउंगा। कुछ घबराहट और कुछ कमजोर अंग्रेजी उनकी मुश्किल थी।
इसके बाद उन्होंने अंग्रेजी के अखबारों से जूझना शुरू किया। वह दिन में अंग्रेजी अखबार पढ़ते थे। कुछ ही दिनों में अंग्रेजी काफी अच्छी हो गई और 2007 में आखिरकार यूपीएससी में उन्हें सफलता भी मिल गई।