- अयोग्यता मामले में राजस्थान हाई कोर्ट से मिली सचिन पायलट खेमे को राहत
- हाई कोर्ट ने अपने आदेश में स्पीकर को यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया
- मामले में आगे की सुनवाई अब सुप्रीम कोर्ट करेगा, विधानसभा सत्र बुलाने पर संशय
जयपुर: अयोग्यता नोटिस मामले में राजस्थान हाई कोर्ट ने शुक्रवार को अपना अहम फैसला सुनाया। हाई कोर्ट ने सचिन पायलट गुट की याचिका पर सुनवाई करते हुए यथास्थिति बरकरार रखने का आदेश दिया है। हाई कोर्ट ने कहा है कि यह मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। अदालत ने राजस्थान स्पीकर सीपी जोशी के 14 जुलाई की नोटिस पर कोई कार्रवाई न करने का आदेश दिया है। इससे पहले कोर्ट ने मामले की सुनवाई करने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। अयोग्यता नोटिस मामले में अब आगे की सुनवाई शीर्ष अदालत में होगी। इसके पहले हाई कोर्ट ने स्पीकर सीपी जोशी से 24 जुलाई तक विधायकों पर कोई कार्रवाई न करने के लिए कहा था।
स्पीकर जोशी को राहत नहीं मिली
हाई कोर्ट के इस फैसले के बाद स्पीकर जोशी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था लेकिन वहां से उन्हें राहत नहीं मिली। शीर्ष अदालत ने हाई कोर्ट के फैसले पर रोक नहीं लगाई और अपनी अहम टिप्पणी में कहा कि 'लोकतंत्र में असंतोष की आवाज नहीं दबाई जा सकती।' सुप्रीम कोर्ट सोमवार को इस मामले की फिर सुनवाई करने वाला है। हाई कोर्ट ने अयोग्यता मामले को सुप्रीम कोर्ट के पाले में डाल दिया है।
अब केंद्र सरकार भी पक्ष
इस बीच, हाई कोर्ट ने मामले में केंद्र सरकार को पक्ष बनाए जाने पर सहमति दे दी है। यानि कि इस मामले में अब केंद्र सरकार अपना पक्ष रखेगी। सीएम अशोक गहलोत सोमवार से विधानसभा का सत्र बुलाए जाने के पक्ष में थे लेकिन कोर्ट के इस फैसले के बाद विधानसभा सत्र बुलाए जाने पर संशय खड़ा हो गया है। चूंकि मामला कोर्ट में है तो दो संवैधानिक संस्थाएं टकराव की तरफ नहीं बढ़ सकतीं। अब सबकीं नजरें सुप्रीम कोर्ट पर टिकी हैं।
अब विधानसभा सत्र पर संशय
विधानसभा का सत्र शीघ्र बुलाए जाने के मुख्यमंत्री गहलोत के दावे पर प्रतिक्रिया देते हुए राजस्थान भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि जब मामला कोर्ट में है तो विधानसभा का सत्र नहीं बुलाया जा सकता क्योंकि इससे दो संवैधानिक संस्थाओं के बीच टकराव बढ़ेगा। स्पीकर सीपी जोशी के वकील ने बताया कि अयोग्यता मामले में हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार को पक्ष बनाया है। पायलट खेमे ने मामले में केंद्र को पार्टी बनाने को लेकर अर्जी दाखिल की थी जिसे कोर्ट ने मंजूर कर लिया।
गहलोत ने भाजपा पर लगाए हैं आरोप
इससे पहले राजस्थान भाजपा प्रमुख पूनिया ने यह कहकर सनसनी फैला दी कि पायलट के राजस्थान का मुख्यमंत्री बनने की संभावना है। भाजपा नेता ने कहा, 'एक चीज जो बिल्कुल साफ है, वह यह है कि गहलोत सरकार गिरने की कगार पर है।' सचिन पायलट और 18 विधायकों के बागी तेवर अपनाने के बाद राजस्थान सरकार पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। मुख्यमंत्री गहलोत का आरोप है कि सचिन पायलट भाजपा के साथ मिलकर उनकी सरकार गिराने का प्रयास कर रहे हैं।