- कानपुर संवासिनी गृह को लेकर गलत उद्देश्य से पूर्णतया असत्य सूचना फैलाई गई: जिलाधिकारी
- आपदा के समय में लोगों को गुमराह करने का मामला दर्ज किया गया
- कानपुर के हैलट अस्पताल की रिपोर्ट आई, स्पष्ट हो गया कि लड़कियों को ना तो एचआईवी है ना ही हेपेटाइटिस
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के कानपुर स्थित बालिका संरक्षण गृह में दो लड़कियों के एचआईवी और हेपेटाइटिस से कथित तौर पर संक्रमित होने के प्रकरण में अज्ञात लोगों के खिलाफ इस संवेदनशील मामले में लोगों को गुमराह करने का मामला दर्ज किया गया है। जिलाधिकारी ब्रहमदेव राम तिवारी ने लोगों से आपदा के समय में इस संवेदनशील मुद्दे पर गलत तथ्य ना रखने की अपील करते हुए बुधवार को कहा कि अफवाह फैलाने वालों पर प्रशासन नजर रख रहा है।
कानपुर के जिलाधिकारी ने ट्वीट कर कहा कि कुछ लोगों द्वारा कानपुर संवासिनी गृह को लेकर ग़लत उद्देश्य से पूर्णतया असत्य सूचना फैलाई गई है। आपदा के समय ऐसा कृत्य संवेदनहीनता का उदाहरण है। कृपया किसी भी भ्रामक सूचना को जांचें बिना पोस्ट ना करें। जिला प्रशासन इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई हेतु लगातार तथ्य एकत्र कर रहा है। तिवारी ने स्पष्ट किया कि कानपुर के राजकीय बाल संरक्षण गृह (बालिका) में आने के बाद किसी किशोरी के गर्भवती होने की खबर पूर्णतया निराधार व सत्य से परे है। संरक्षण गृह में लाते वक्त जब उनका मेडिकल परीक्षण कराया गया था, तभी वो गर्भवती मिलीं थीं । इस बात का जिक्र तब की मेडिकल रिपोर्ट में भी स्पष्ट तौर पर मौजूद है।
उन्होंने कहा कि किसी भी जिम्मेदार व्यक्ति को ऐसे संवेदनशील मामले में पॉक्सो एक्ट के प्रावधानों की जानकारी व तथ्यों के आधार पर ही कुछ कहना चाहिए। बाद में जिला प्रशासन ने अज्ञात लोगों के खिलाफ आपदा के समय में लोगों को गुमराह करने का मामला भी दर्ज कर लिया।
उल्लेखनीय है कि कानपुर के संवासिनी गृह में कोरोना संक्रमण की खबरों के बीच ही इन आरोपों से विवाद उठ खड़ा हुआ था कि संरक्षण गृह में कुछ लड़कियां गर्भवती हैं। साथ ही ये दावा भी किया गया था कि इनमें से एक को एचआईवी संक्रमण है जबकि दूसरी को हेपेटाइटिस। जिलाधिकारी के अनुसार दोनों लड़कियों को पॉक्सो एक्ट के एक मामले के तहत सीडब्ल्यूसी (बाल कल्याण समिति) आगरा और कन्नौज के आदेश से दिंसबर 2011 में संरक्षण गृह में रखा गया था।
इस बीच बुधवार को जब कानपुर के हैलट अस्पताल की रिपोर्ट आई, तब ये भी स्पष्ट हो गया कि लड़कियों को ना तो एचआईवी है ना ही हेपेटाइटिस। कानपुर के एसएसपी दिनेश कुमार पी. ने बताया कि लड़कियां जब संरक्षण गृह लाई गई थीं, तभी वे गर्भवती थीं। इनमें पांच लड़कियां आगरा, फिरोजाबाद, एटा, कानपुर और कन्नौज की हैं। एसएसपी ने बताया कि आगरा और कन्नौज से मुक्त करायी गयी दो लड़की उसी समय गर्भवती पाई गई थीं। वे ना तो कानपुर आकर और ना ही संरक्षण गृह में गर्भवती हुईं इन्हें दिसम्बर 2019 में कानपुर लाया गया था।