- कालाष्टमी पर भगवान शिव की पूजा जरूर करें
- भैरव बाबा के समक्ष सरसों के तेल का दीया जलाएं
- कालाष्टमी के साथ ही रविवार को भी बाबा की पूजा करें
Kalashtami : कालाष्टमी पर काल भैरव जी की पूजा का विधान होता है। काल भैरव बाबा की जिस पर कृपा होती है माना जाता है कि उसके जीवन में कोई संकट नहीं आ सकता है। इतना ही नहीं तीनों लोकों में उनके भक्त का कोई अनिष्ट नहीं कर सकता है। बाबा के डर से काल भी दूर भगाता है। इसलिए यदि आपके जीवन में बांधाएं हैं अथवा किसी कार्य में आपको सफलता नहीं मिल रही तो आपको काल भैरवा बाबा से जुड़े कुछ उपाय कालाष्टमी पर जरूर करने चाहिए। काल भैरव एवं हाथ में त्रिशूल, तलवार और डंडा होने के कारण इन्हें दंडपाणि भी कहा जाता है। तो आइए आपको बताएं कि भैरव भगवान से जुड़े वह कौन से उपाय है जो आपको जीवन में सफलता दिलाएंगे।
कालाष्टमी पर करें बाबा भैरव से जुड़े ये उपाय
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भगवान शिव की पूजा : काल भैरव बाबा को भगवान शिव का ही अंश माना गया है। इसलिए उन्हें प्रसन्न करने के लिए सर्वप्रथम भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए। कालाष्टमी पर काल भैरव बाबा की पूजा के साथ शिवजी की पूजा जरूर करें और कालाष्टमी के दिन 21 बिल्वपत्र लें और उस पर सफेद चंदन से 'ॐ नम: शिवाय' लिखकर शिवलिंग पर चढ़ाएं। ये उपाय आपके जीवन की हर बाधा को दूर कर देगा।
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काले कुत्ते को मीठी रोटी खिलाएं : कालाष्टमी के दिन भैरव बाबा की खुश करने के लिए काले कुत्ते की सेवा करना बहुत ही पुण्यकारी माना गया है। काले कुत्ते को काल भैरव का दूत माना गया है। इस दिन कुत्ते को मीठी रोटी खिलानी चाहिए। ऐसा करने से भैरव बाबा के साथ शनिदेव की कृपा भी प्राप्त होगी और आपके जीवन में आने वाली हर अड़चन दूर होगी और आपके कार्य सफल होंगें।
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भैरव बाबा को चढ़ाएं ये चीजें : कालाष्टमी के दिन भैरव बाबा के मंदिर में जाएं और उनके चरणों में सरसों का तेल, नारियल, चना, चिरौंजी, पुए और जलेबी के साथ सिंदूर अपिर्त करें। कालाष्टमी पर अर्पित किए गए इन समानों के साथ आप उनसे अपने जीवन की समस्या कहें। निश्चित रूप से आपकी समस्या दूर हो जाएगी।
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सरसो के तेल का दीपक जलाएं : कालाष्टमी पर भगवान भैरव के सामने सरसों के तेल का दीया जला कर वहीं बैठकर श्रीकालभैरवाष्टकम् का पाठ करें। यह उपाय कालाष्टमी से शुरू कर नियमित रूप से कम से कम 21 या 51 दिन तक करें।
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40 दिनों तक काल भैरव का दर्शन करें : कालाष्टमी के दिन से लेकर 40 दिनों तक लगातार काल भैरव का दर्शन करें। इस उपाय को करने से भगवान भैरव प्रसन्न होंगे और आपकी मनोकामना को पूर्ण करेंगे। भैरव की पूजा के इस नियम को चालीसा कहते हैं जो चन्द्रमास के 28 दिनों और 12 राशियां को जोड़कर बनता है।
कालभैरव जी के ये उपाय आप रविवार को भी कर सकते हैं, क्योंकि रविवार का दिन भगवान भैरव को समर्पित होता है।