- पूजा पाठ के दौरान कभी भी अगरबत्ती नहीं जलाना चाहिए
- वास्तु शास्त्र के अनुसार पूजा पाठ के दौरान अगरबत्ती जलाना धार्मिक दृष्टिकोण से अशुभ माना जाता है
- अगरबत्ती बांस से बनी होती हैं और वास्तु शास्त्र में बांस को बहुत शुभ माना गया है
Lighting Incense Sticks: घर में सुख शांति व सकारात्मक ऊर्जा के लिए हर व्यक्ति पूजा पाठ करता है। इस दौरान धूप और दीपक जलाने का खास महत्व होता है, लेकिन कुछ लोग धूप दीपक के अलावा अगरबत्ती का इस्तेमाल करते हैं। वास्तु शास्त्र के अनुसार पूजा पाठ के दौरान अगरबत्ती जलाना धार्मिक दृष्टिकोण से अशुभ माना जाता है। माना जाता है कि पूजा पाठ के दौरान कभी भी अगरबत्ती नहीं जलानी चाहिए। दरअसल अगरबत्ती बांस से बनी होती हैं और वास्तु शास्त्र में बांस को बहुत शुभ माना गया है। वास्तु शास्त्र के अनुसार वास्तु दोष को दूर करने के लिए लोग घर के आंगन में बांस का पौधा रखते हैं। माना जाता है कि अगरबत्ती बनाने में बांस की लकड़ी का उपयोग किया जाता है, इसीलिए पूजा के समय अगरबत्ती नहीं जलानी चाहिए। इससे जीवन में कई तरह की परेशानियां आ सकती है। इसके अलावा बांस को जलाने से पितृ दोष लगता है। यदि आप अगरबत्ती जलाते हैं तो ऐसा करना बंद कर दें।
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अगरबत्ती जलाना नहीं माना जाता है शुभ
शास्त्रों में कहीं पर भी अगरबत्ती के जलाने का उल्लेख नहीं किया गया है। हर जगह धूपबत्ती की बात कही गई है। हिंदू धर्म में मान्यता है कि बांस का इस्तेमाल शुभ कार्यों में जैसे जनउ, मुंडन और शादी का मंडप बनाने में किया जाता है। इसलिए इसे जलाना शुभ नहीं माना गया है। वैज्ञानिक तौर पर भी अगरबत्ती का धुआं शरीर के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। अगरबत्ती के धुएं से स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां हो सकती है।
अगरबत्ती के जगह इन चीजों का कर सकते हैं इस्तेमाल
घर में अगरबत्ती के अलावा धूप या धूना का इस्तेमाल किया जा सकता है। ये गाय का गोबर व अन्य ज्वलनशील पदार्थों से बनाया जाता है। इसमें बांस की तिलिया नहीं होती है। इसे जलाने से कभी भी शरीर को नुकसान नहीं पहुंचता है। धूप और धूना जलाने से घर का वातावरण भी शुद्ध होता है और सकारात्मक ऊर्जा भी घर में प्रवेश करती है।
(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)