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Akshay Navami 2021 Vrat Katha:आंवले के वृक्ष की पूजा करने से खत्म हुआ था महिला का कोढ़, जानिए अक्षय नवमी की व्रत कथा

Updated Nov 12, 2021 | 11:39 IST

Akshay Navami 2021 Vrat Katha in Hindi: शास्त्र के अनुसार अक्षय नवमी के दिन ही लक्ष्मी जी ने आंवला के वृक्ष के नीचे भगवान विष्णु और भगवान शिव शंकर को भोजन कराया था। अक्षय नवमी इस साल 12 नवंबर दिन शुक्रवार को मनाया जा रहा है।

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Akshay Navami Vrat Katha in Hindi 2021
मुख्य बातें
  • इस साल अक्षय नवमी 12 नवंबर दिन शुक्रवार को मनाया जा रहा है।
  • इस दिन आंवला के पेड़ की पूजा की जाती है।
  • अक्षय नवमी हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाई जाती है।

Akshay Navami 2021 Vrat Katha in Hindi: अक्षय नवमी के दिन महिलाएं संतान प्राप्ति और उनकी मंगलकामना के लिए आंवला के पेड़ की पूजा करती हैं। इस साल आंवला नवमी का व्रत 12 नवंबर दिन शुक्रवार को रखा जाएगा। यह पूजा खासकर भगवान विष्णु को समर्पित है। पौराणिक कथा के अनुसार इसी दिन माता लक्ष्मी में आंवला के वृक्ष के नीचे भगवान विष्णु और शिव शंकर को भोजन बनाकर खिलाया था। 

अक्षय नवमी व्रत कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को होता है। इस दिन के आंवला के पेड़ की पूजा करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं। अक्षय नवमी के दिन आंवला के पेड़ के नीचे बैठकर खाने से सभी रोगों का नाश होता है। यदि आप भी भगवान विष्णु को प्रसन्न कर जीवन के सभी कष्टों से मुक्ति पाना चाहते हो चाहते हैं, तो अक्षय नवमी के दिन आंवला के पेड़ की पूजा जरूर करें।

अक्षय नवमी व्रत कथा (Akshay Navami vrat katha)
पौराणिक कथा के अनुसार काशी नगर में एक निसंतान धार्मिक और दानी वैश्य रहता था। वैश्य को कोई संतान नहीं थी। एक दिन वैश्य की पत्नी से उसकी पड़ोसन ने कहा कि तुम यदि किसी बच्चे की बलि भैरव के नाम से चढ़ा दो, तो तुम्हें पुत्र की प्राप्ति हो जाएगी। यह बात जब वैश्य को पता चली , तो उसने ऐसा करने से मना कर दिया। लेकिन उसकी पत्नी उसकी बात को नहीं मानी।

सताने लगी लड़की की प्रेतात्मा (Akshay Navami vrat katha in hindi)
एक दिन वैश्य की पत्नी ने एक कन्या को कुएं में गिरा कर भैरव देवता के नाम पर बलि दे दी। कन्या की हत्या करने के कारण वैश्य की पत्नी को पूरे शरीर में कोढ़ हो गया और उस लड़की की प्रेतात्मा उसे बहुत सताने लगी। यह सब देखकर वैश्य ने अपनी पत्नी से सारी बातें पूछी। तब वैश्य की पत्नी ने अपनी सारी बातें अपने पती से कह डाली। वेश्य ने पत्नी से कहा ऐसे काम करने वालों के लिए इस संसार में कहीं जगह नहीं है। 

वृद्ध महिला के रूप में आई गंगा मइया (Akshay Navami 2021 Vrat Katha)
वेश्य ने पत्नी से कहा, तुम गंगा तट पर जाकर भगवान का भजन कर गंगा स्नान करो तभी तुम इस कष्ट से छुटकारा पा सकती हो। पति की बात को सुनकर पत्नी उसी वक्त गंगा के किनारे चली गई और वहां रहने लगी। कुछ दिन बाद गंगा माता वृद्ध महिला का रूप धारण करके वैश्य की पत्नी के पास आई और बोली यदि तुम मथुरा जाकर कार्तिक नवमी का व्रत कर आंवला के पेड़ की पूजा करोगी, तो तुम्हारा कोढ़ खत्म हो सकता है।

पुत्र की हुई प्राप्ति (Akshay Navami Vrat Katha)
वृद्ध महिला की बात सुनकर वैश्य की पत्नी अपने पति से आज्ञा लेकर मथुरा चली गई और वहां विधि पूर्वक अक्षय नवमी का व्रत करने लगी। ऐसा करने से भगवान बेहद प्रसन्न हुए।

भगवान की कृपा से वैश्य की पत्नी फिर से स्वस्थ हो गई और उसे पुत्र की प्राप्ति भी हुई। तभी से अक्षय नवमी के दिन आंवला के पेड़ की पूजा पूरे संसार में विख्यात हो गई।
 

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