- सालभर में पड़ती है चार नवरात्रि
- गुप्त नवरात्रि में तंत्र विद्याओं के लिए होती है साधना
- गुप्त नवरात्रि में 10 महाविद्याओं की होती है पूजा
Ashadha Month Gupt Navratri 2022 Puja Date Muhurat: नवरात्रि का त्योहार मां दुर्गा की पूजा के लिए समर्पित होता है। इसमें पूरे नौ दिनों तक मां दुर्गा के अलग-अलग नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। पौष, चैत्र, आषाढ़ और अश्विन पूरे साल में चार बार नवरात्रि पड़ती है। इसमें से दो नवरात्रि सार्वजनिक होती है और दो नवारात्रि को गुप्त नवरात्रि के नाम से जाना जाता है। इस नवरात्रि में तंत्र विद्या का विशेष महत्व होता है और गुप्त नवरात्रि में 10 महाविद्याओं की पूजा की जाती है। चैत्र और आषाढ़ माह की तरह सभी जन-मानस के बीच गुप्त नवरात्रि नहीं मनाई जाती है। गुप्त नवरात्रि की पूजा वे लोग करते हैं जो महाविद्याओं और तंत्र विद्या की साधना करते हैं। जानते हैं आषाढ़ माह में कब से शुरू हो रही है गुप्त नवरात्रि।
आषाढ़ गुप्त नवरात्रि तिथि
आषाढ़ प्रतिपदा तिथि प्रारंभ- 29 जून सुबह 08:22 पर
आषाढ़ प्रतिपदा समाप्त- 30 जून सुबह 10:49 तक
उदयातिथि के अनुसार आषाढ़ नवरात्रि 30 जून को शुरू होगी जोकि 9 जुलाई को दशमी के दिन समाप्त होगी।
गुप्त नवरात्रि में इन 10 महाविद्याओं की पूजा
आषाढ़ माह में मां दुर्गा नौ स्वरूपों के साथ ही 10 महाविद्याओं की पूजा भी की जाती है। इसमें साधक मां त्रिपुर भैरवी, मां धूमावती, मां बगलामुखी, मां काली, मां तारा देवी, मां त्रिपुर सुंदरी, मां भुवनेश्वरी, मां छिन्नमस्ता, मां मातंगी और कमला देवी की साधना करते हैं।
गुप्त नवरात्रि में घटस्थापन मुहूर्त
अभिजीत मुहूर्त प्रारंभ- 30 जून दोपहर 12:03 से 12:57 तक
घटस्थापना मुहूर्त- 30 जून सुबह 05:48 से सुबह 10:16 तक
गुप्त नवरात्रि में ऐसे करें पूजा
गुप्त नवरात्रि में आधी रात में मां दुर्गा की पूजा करने की परंपरा है। सबसे पहले मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित की जाती है। फिर मां को लाल सिंदूर और चुनरी अर्पित करें। मां के चरणों में पूजा सामग्रियां अर्पित करें। पूजा में लाल फूल जरूर चढ़ाएं। फिर सरसों के तेल का दीपक जलाएं और 'ॐ दुं दुर्गायै नमः' मंत्र का जाप करें।
(डिस्क्लेमर: यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)