नई दिल्ली: अगर आपको मुहांसों की बहुत अधिक समस्या होती है और वजह समझ न आ रही हो तो जान लें यह कुंडली का मसला हो सकता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ग्रहीय दशाएं खराब होने की वजह से भी त्वचा से जुड़ी परेशानियां हो सकती हैं।
खासतौर पर ऐसा बुध से जुड़ी समस्याओं के चलते हो सकता है। अगर बुध उच्च स्थिति में हो तो पिम्पल समेत कई स्किन परेशानियां कम होती हैं। ज्योतिष में बताया गया है कि एक ओर जहां कुंडली में बुध, शनि, राहु और मंगल की अशुभ स्थिति त्वचा रोगों का कारण बनते हैं, वहीं कमजोर सूर्य और चंद्रमा इसे ज्यादा भयानक रूप में सामने लाते हैं। इसलिए ऐसा होने पर इन ग्रहों की शांति के उपाय करें।
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इसके अलावा सप्तम भाव पर केतु का होना भी एक्ने-पिम्पल समेत कई प्रकार की स्किन परेशानियों का कारण बनता है। तो कमजोर मंगल के कारण बिना मवाद और मवाद दोनों ही प्रकार के मुंहासे हो सकते हैं। हालांकि ये त्वचा को ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचाते। मंगल की वजह से कई बार रक्त विकार होते हैं जिनसे त्वचा की समस्याएं हो जाती हैं। इससे भी मुंहासे होते हैं।
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कमजोर राहु से दर्द वाले मुंहासे होते हैं लेकिन कुछ समय में ठीक हो जाते हैं। ऐसे में कुंडली के दोष पता होने पर आप इसके उपाय करवाकर इन परेशानियों से बचा जा सकता है। सूर्य कमजोर होने पर सूर्य मंत्र का पाठ करें। इसके अलावा सूर्य को अर्घ्य देना भी लाभकारी होगा।
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