- श्रीकृष्ण के जन्म उत्सव के रूप में मनाई जाती है जन्माष्टमी
- मथुरा में कंस के कारागार में हुआ था श्रीकृष्ण का जन्म
- ब्रज के कई मंदिरों में धूमधाम से मनाई जाती है जन्माष्टमी
nmashtami 2022 Puja In Braj JaMandal: हिंदू पंचांग के अनुसार प्रतिवर्ष भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जाता है। इसी दिन रोहिणी नक्षत्र में मथुरा के कारागार में भगवान श्री कृष्ण का जन्म हुआ था। श्री कृष्ण के जन्म दिवस के उपलक्ष्य में देशभर में इस तिथि को कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार धूमधाम से मनाया जाता है। इस साल जन्माष्टमी गुरुवार 18 अगस्त 2022 को मनाई जाएगी। वैसे तो जन्माष्टमी की धूम देशभर में देखने को मिलती है लेकिन इस खास अवसर पर ब्रज मंडल के कुछ मंदिरों में विशेष उत्सव का आयोजन किया जाता है।
क्या है ब्रज मंडल?
ब्रज मंडल उत्तर प्रदेश का वह क्षेत्र है जो भगवान कृष्ण से किसी न किसी प्रकार से जुड़ा हुआ है। इसके अंतर्गत 12 वन और कई उपवन आते हैं। इनमें मथुरा, वृंदावन, गोकुल, गोवर्धन, महावन, बरसाना, नंदगांव, बलदेव,काम्यवन और डीग जैसी वो तमाम इलाके शामिल हैं जो श्रीकृष्ण का लीला स्थल रहा है। पौराणिक ग्रंथों के अनुसार ब्रज की सीमा चौरासी कोस माना गया है। यहां जन्माष्टमी के दिन श्रीकृष्ण की पूजा की जाती है। जानते हैं ब्रज मंडल के ऐसे मंदिरों के बारे में जहां कृष्ण जन्माष्टमी का उत्सव धूमधाम से मनाया जाता है।
कृष्ण जन्मभूमि मंदिर मथुरा
भगवान कृष्ण का जन्म मथुरा में कंस के कारागार में हुआ था। जिस जगह पर भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था आज वहां भगवान कृष्ण का मंदिर है। जन्माष्टमी के मौके पर यहां भगवान कृष्ण की भव्य झांकियां निकाली जाती है।
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चौरासी खंभों का मंदिर गोकुल
जन्म के तुरंत बाद भगवान कृष्ण को गोकुल ले आया गया यहां उन्होंने अपनी बाल्य लीलाएं रचाई। गोकुल के नंद भवन में भगवान कृष्ण के जन्म दिवस के अवसर पर जन्माष्टमी का पावन त्यौहार बड़े हर्षोल्लास और धूमधाम से मनाया जाता है।
बांकेबिहारी मंदिर वृंदावन
भगवान कृष्ण के जीवन का बेहद खास पल वृंदावन में बीता। जहां से उन्होंने पूरी दुनिया को प्रेम का पाठ पढ़ाया। यहां मौजूद बांके बिहारी मंदिर में जन्माष्टमी के मौके पर विशेष उत्सव का आयोजन कराया जाता है।
राधा रानी मंदिर बरसाना
भगवान कृष्ण के निश्चल प्रेम की पुजारी राधा रानी का यहां भव्य मंदिर है। पूरे बरसाने में भगवान कृष्ण और राधा रानी की लीलाएं प्रचलित है। कृष्ण जन्माष्टमी के पावन अवसर पर राधा रानी मंदिर में भी विशेष उत्सव का आयोजन किया जाता है।
(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)