- अनपढ़ व्यक्ति को समाज में नहीं मिलती इज्जत
- शिक्षित व्यक्ति आसानी से हासिल करता है सफलता
- शिक्षा के बिना मनुष्य का जीवन होता है अर्थहीन
Chanakya Niti in Hindi: आचार्य चाणक्य ने महान शिक्षा केंद्र के रूप में विख्यात तक्षशिला से शिक्षा ग्रहंण कर समाजशास्त्र, राजनीतिशास्त्र और अर्थशास्त्र के ज्ञाता बनें। जिसके बाद कई वर्षों तक इन्होंने नालंदा विश्वविद्यालय में शिक्षक का कार्य किया। आचार्य को भारतीय राजनीति और अर्थशास्त्र का पितामह कहा जाता है। चाणक्य ने अपनी नीतियों से न केवल लोगों को सही मार्ग दिखाया है, बल्कि जीवन के हर पहलू पर विस्तार से जानकारी दी है। आचार्य चाणक्य ने एक श्लोक माध्यम से बताया है कि शिक्षा और ज्ञान के बिना इंसान का जीवन भी कुत्ते की पूंछ की अर्थहीन होता है। जिस तरह कुत्ते की पूंछ ना गुप्त इंद्रियों को ढ़कने के काम आती है और ना ही मक्खी-मच्छर हटाने के, ठीक उसी तरह शिक्षा के बगैर मनुष्य का अस्तित्व भी अर्थहीन हो जाता है।
अशिक्षित व्यक्ति समाज में महत्वहीन
आचार्य चाणक्य श्लोक के माध्यम से कहते हैं कि अनपढ़ व्यक्ति समाज पर एक बोझ होता है। ऐसे व्यक्ति का समाज में कोई महत्व नहीं होता। ऐसे लोग समाज में अंधविश्वास और बुराईयां फैलाने का कार्य करते हैं। ऐसे लोगों से हर कोई दूर रहना चाहता है।
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शिक्षित व्यक्ति कर सकता है हर कार्य
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि शिक्षा और ज्ञान के बिना मनुष्य का जीवन अधूरा होता है। शिक्षित व्यक्ति किसी भी कार्य को जहां आसानी से और सफलता पूर्वक कर सकता है। वहीं ज्ञान के बगैर मनुष्य को हर कार्य में विफलता मिलती है। ऐसे लोग सरल से सरल कार्य भी नहीं कर पाते हैं।
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शिक्षा खत्म करता है अंधकार
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जीवन के अंधकार और बुराइयों को शिक्षा से ही दूर किया जा सकता है। जिस व्यक्ति के पास ज्ञान होता है है वो बुराइयों के अंधेरे से हमेशा दूर रहता है और अच्छे बुरे को बेहतर ढंग से समझता है। वहीं शिक्षा से दूर रहने वाला व्यक्ति बुराइयों की गर्त में समा कर अपने जीवन को बर्बाद कर लेता है।
शिक्षा से मिलती है सफलता
चाणक्य कहते कहते हैं कि शिक्षा के बगैर व्यापार और रोजगार में सफलता पाने के बारे में सोचा भी नहीं जा सकता है। जो व्यक्ति जितना अधिक शिक्षित हाता है, वह उतना ही सफलता प्राप्त करता है। इसलिए मनुष्य को हमेशा नई चीजों को सीखते रहना चाहिए। जितना अधिक ज्ञान मिलेगा, उतना ही आगे बढ़ने का रास्ता दिखाई देगा।
(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)