- किसी भी कार्य को करने से पहले तीन सवाल करने चाहिए
- इंसान को दूसरे की गलतियों से सीखना चाहिए
- वर्तमान में जीने वाले ही जीवन में आगे बढ़ते हैं
चाणक्य ने अपने अनुभवों और ज्ञान के आधार पर जो नीतियां बनाईं वह मौजूदा समय में भी उतनी ही प्रासंगिक हैं, जितना उनके काल में थीं। चंद्रगुप्त मौर्य ने चाणक्य के बताए हर कार्य को अपने जीवन में किया और उनके ही नीतियों पर चल कर नंद साम्राज्य को उखड़ फेंका था। चंद्रगुप्त को अपने जीवन में सफलता चाणक्य के अनुभवों और ज्ञान की बदौलत ही मिली। चाणक्य ने चंद्रगुप्त मौर्य को संपूर्ण भारत का सम्राट बना दिया। चंद्रगुप्त के ताकत और साहस के साथ चाणक्य का ज्ञान और नीतियां काम आईं थीं। यदि आप भी अपने जीवन में सफल होना चाहते हैं, तो आपको चाणक्य की नीतियों से सीख लेनी होगी।
Chanakya Ne bataye safal hone ke ye 7 tareeke, चाणक्य की ये नीतियां आपको दिलाएंगी सफलता
- चाणक्य ने हमेशा दूसरों से सीख लेने की सलाह दी है। उनका कहना था कि दूसरों की गलतियों से इंसान को सीखना चाहिए, क्योंकि अपनी गलतियों से इंसान जब तक सीखता है तो उसकी आयु और समय दोनों नष्ट हो जाते हैं।
- कुछ अलग करने के लिए नए प्रयोग से कभी नहीं डरना चाहिए। प्रगति के लिए हमेशा खुद आगे बढ़कर काम करना चाहिए। डरने या संशय में रहने वाले लोग कभी आगे नहीं बढ़ पाते हैं। आगे बढ़ने वाले यदि सब कुछ न पा सके, तो कुछ न कुछ जरूर पाते हैं।
- हमेशा वर्तमान को सोच कर चलना चाहिए। भूत और भविष्य को सोचना इंसान को हार का सामना कराता है। चिंता और दुख इंसान को आगे बढ़ने से रोक देती है। इसलिए जीवन में हमेशा वर्तमान को सोच कर काम करना चाहिए।
- सफलता के लिए जरूरी है कि जब आप कोई काम करने जा रहे हों तो अपने आप से तीन सवाल जरूर करें। पहला ये कि मैं ये क्यों कर रहा हूं, दूसरा इसके परिणाम क्या हो सकते हैं और तीसरा क्या मैं सफल हो पाऊंगा? क्योंकि तभी आप सही मायने में सफलता पाने के लिए प्रयास करते हैं।
- किसी काम करने से पहले यह जरूर सोचें कि आपको पहली ही बार में सफलता पानी है, लेकिन सफलता न मिले तो हार मान कर या हताशा में काम बिलकुल नहीं छोड़ना चाहिए। बल्कि दोबारा दोगुनी ताकत से लक्ष्य को पाने के लिए जुट जाना चाहिए। लक्ष्य को पाने के लिए युद्धस्तर पर तैयारी करनी चाहिए।
- ऐसे व्यक्ति से दोस्ती नहीं रखनी चाहिए जो खुद से स्तर से या तो बहुत ऊंचा हो या बहुत नीचा। ये दोनों ही स्तर के लोग आपके कार्य को प्रभावित कर सकते हैं। समान स्तर के लोगों के साथ मित्रता सुखदायक होती हैं।
- कई बार बहुत ईमानदारी भी भारी पड़ जाती हे, इसलिए जिस कार्य से किसी का नुकसान न हो रहा हो वहां बहुत ईमानदार होने की जरूरत नहीं। बहुत ईमानदार लोग सबसे पहले शिकार बनते हैं। ठीक उसी तरह जैसे सीधे पेड़ सबसे पहले काटे जाते हैं।
चाणक्य की ये नीतियां मनुष्य को जीवन में विपरीत परिस्थितियों से लड़ने में कारगर बनाती हैं। इन बातों को आप भी गांठ बांधकर रख लें और इन पर अमल करें। सफलता आपसे ज्यादा दूर नहीं रहेगी।