- घर लेने से पहले अस्पताल, स्कूल और पानी की व्यवस्था जरूर देखें
- कभी भी घर अपने से कम आय वालों के बीच न बनाएं
- घर विद्वान और शिक्षित लोगों के पड़ोंस में बनाना चाहिए
चाणक्य नीति में न केवल चाणक्य ने जीवन को जीने का तरीका बारिकियों से बताया है, बल्कि यह भी बताया है कि इंसान को किन जगहों पर रहना या नहीं रहना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि व्यक्ति जहां रहता है वहां के माहौल से उसके चाल-चलन और व्यवहार पर भी असर होता है। यदि कोई ऐसी जगह रहता है जहां केवल गलत काम होते हैं, वहां इंसान कितना भी खुद को बचा कर रखना चाहे बचा नहीं सकता। इसलिए चाणक्य ने अपनी नीतियों में यह भी बताया है कि एक व्यक्ति को अपने लिए घर बनाते या लेते समय किन चीजों का ध्यान जरूर देना चाहिए। कुछ खास चीजों पर यदि इंसान ध्यान दे कर घर बनाता या खरीदता है तो उसे जीवन में कभी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता।
घर खरीदते समय चाणक्य के इन पांच सिद्धांतों पर जरूर ध्यान दें
पड़ोसी होने चाहिए धनवान
आप जहां भी घर बना या ले रहे हैं वहां के पड़ोसी पर जरूर ध्यान दें। ऐसी जगहों पर अपना घर लें जहां भविष्य में आपके भी फलने-फूलने की संभावना हो। पड़ोसी धनी हो ये जरूर ध्यान दें, ताकि जब भी आप किसी संकट में हो तो आपको धन की जरूरत पूरी हो सके या आपके पड़ोसी के जरिये आपको काम मिल सके। ऐसी जगह घर न लें जहां आपसे भी कमजोर आर्थिक स्थिति वाले लोग हों।
पढ़े-लिखे के पड़ोस में बसें
घर ऐसी जगह पर लें, जहां विद्वान और पढ़े-लिखे लोग हों। इसके एक नहीं कई फायदे होंगे। पहला पड़ोसी यदि विद्वान होगा तो आपको हमेशा सही सलाह मिलेगी। दूसरे पढ़े-लिखे के बीच रहने से आपके घर का माहौल हमेशा ज्ञान से भरा रहेगा। बच्चों के अंदर अच्छे संस्कार और ज्ञानार्जन की लालसा बनी रहेगी।
जहां का प्रशासन चुस्त हो
ऐसी जगह लें जहां का शासन-प्रशासन चुस्त हो और वहां की कानून व्यवस्था बेहतर हो। बुनियादी सुविधाओं के साथ प्रशासन कि क्रियाशीलता बहुत जरूरी होती है। ताकि किसी भी परेशानी में आपको तुरंत मदद मिल सके।
पानी की व्यवस्था बेहतर हो
चाणक्य ने कहा है कि ऐसी जगह बिलकुल नहीं बसना चाहिए जहां पानी जैसी मूलभूत जरूरत की पूर्ति में दिक्कत आए। पानी जहां होता है, सभ्यताएं वही फलती हैं। इसलिए घर लेते समय पानी के क्या जरिए हैं और आपूर्ति कैसी है इसपर जरूर ध्यान देना चाहिए।
चिकित्सा और शिक्षा की व्यवस्था बेहतर हो
घर लेते समय चिकित्सा और शिक्षा व्यवस्था पर ध्यान देना बहुत जरूरी है। चाणक्य के मुताबिक जहां चिकित्सक या शिक्षक अच्छा न हो वहां रहना कठिन और पछतावे का कारण बनता है।