- फसल काटकर करते हैं ईश्वर का शुक्रिया, होती है अनाज की पूजा
- सूर्य करता है मेष राशि में प्रवेश, इसलिए कहते हैं मेष संक्रांति
- देशभर में मनाया जाता है बैसाखी पर्व, हैं अलग—अलग नाम
Baisakhi 2022 Date, Time, Shubh Muhurat, Upay: बैसाखी सिख समुदाय को नई पहचान दिलाने का पर्व है। इस दिन सिख धर्म के दसवें और अंतिम गुरु, गुरु गोविंद सिंह ने खालसा पंथ की स्थापना की थी। साथ ही गुरुओं की वंशावली को समाप्त कर सिख समुदाय को नया उपनाम दिया था 'सिंह'। यही कारण है कि बैसाखी के दिन सिख समुदाय नया साल मनाता है। यह पावन पर्व भारतीय किसानों का भी माना जाता है। इस दिन लोग अनाज की पूजा करते हैं और फसल काटकर ईश्वर का शुक्रिया अदा करते हैं।
इसलिए कहते हैं मेष संक्रांति
बैसाखी के दिन सूर्य मेष राशि में प्रवेश करता है इसलिए इस दिन को मेष संक्रांति भी कहा जाता है। देश के विभिन्न हिस्से में इस दिन अलग-अलग नामों से पुकारा जाता है। ऐसी मान्यता है कि बैसाखी के दिन कुछ उपाय करने से ईश्वर की कृपा बनी रहती है और जीवन खुशियों से भर जाता है। बैसाखी के दिन गेहूं का बड़ा महत्व होता है। इस दिन गेहूं का दान करने से सुख समृद्धि घर आती है और सभी कष्ट दूर हो जाते हैं।
Also Read: Good Friday 2022: इस वर्ष कब है गुड फ्राइडे? जानें क्यों मनाया जाता है यह दिन, क्या है इसका इतिहास
आटे का दीपक जलाएं
इस दिन आटे का दीपक बनाकर उसमें गेहूं के कुछ दाने डालकर जलाएं। आप यह दीपक घर के हर कोने में जलाएं। इस उपाय को करने से घर में सुख समृद्धि बनी रहेगी और धन की वृद्धि होगी। बैसाखी के दिन चावल की खीर बनाकर गरीबों में बांटें। ऐसा करने से आपके दुख दूर हो जाएंगे।
करें ये उपाय
करियर में सफलता पाने के लिए बैसाखी के दिन उड़द की दाल की खिचड़ी बनाकर गरीबों में बांट सकते हैं। ऐसा करने पर आपके करियर में उन्नति होगी और आप सफलता आसानी से पा सकते हैं। जो बच्चे पढ़ाई में सफलता पाना चाहते हैं वे इस दिन भीगे हुए चने की दाल गाय को खिलाएं। व्यापार वृद्धि के लिए साबुत मूंग दान करें। मानसिक तनाव से छुटकारा पाने के लिए दूध दान करें। वहीं अच्छे स्वास्थ्य के लिए फलों का दान करें।