- किसी भी शुभ व मांगलिक कार्य में सबसे पहले गणेश जी की ही पूजा की जाती हैं
- गणेश जी की सच्चे मन से आराधना व पूजा करने से घर में सुख शांति व मां लक्ष्मी का वास होता है
- भगवान श्री गणेश जी को मोदक सबसे प्रिय होते हैं
Favourite Bhog Of Ganesh Ji: बुधवार का दिन भगवान श्री गणेश जी के लिए विशेष माना जाता है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन गणपति बप्पा की पूजा करने से हर मनोकामना पूरी होती हैं और घर में भी रिद्धि-सिद्धि आती है। किसी भी शुभ व मांगलिक कार्य में सबसे पहले गणेश जी की ही पूजा की जाती हैं। गणेश जी की सच्चे मन से आराधना व पूजा करने से घर में सुख शांति व मां लक्ष्मी का वास होता है। मान्यता है कि गौरी पुत्र गणेश जी की पूजा अराधना में मोदक का भोग लगाने से वे जल्दी प्रसन्न होते हैं। भगवान श्री गणेश जी को मोदक सबसे प्रिय होते हैं। हर अवसर पर गणेश जी की पूजा में मोदक जरूर चढ़ाए जाते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि मोदक के अलावा भी कुछ ऐसी चीजें हैं जो भगवान श्री गणेश को सबसे प्रिय हैं। आइए जानते हैं उन चीजों के बारे में जिसे भगवान गणेश को अर्पित करने से शुभ फल मिलता है...
पढ़ें- अगर आपने इन तीन कार्यों को करने में की शर्म तो जीवन में परेशानी के अलावा कुछ नहीं मिलेगा
लड्डू
भगवान श्री गणेश जी को लड्डू भी काफी पसंद है। मोदक के बाद उन्हें लड्डू भी चढ़ाया जाता है। गणेश जी को लड्डू काफी पसंद है। लड्डू में बेसन का लड्डू काफी पसंद हैं, इसलिए पूजा आराधना करते वक्त बेसन के लड्डू भी भगवान श्री गणेश को अर्पित किया जाता है।
खीर
हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार भगवान श्री गणेश जी को खीर भी काफी प्रिय है। पौराणिक कथाओं के अनुसार जब मां पार्वती खीर बनाती थी तो गणेश जी पूरा का पूरा प्याला खीर से भरा खा लेते थे। ऐसे में आप भगवान गणेश जी को खीर का भोग भी लगा सकते हैं।
केला
हिंदू धर्म में किसी भी पूजा पाठ में केले का भोग सभी देवी देवताओं को लगता है। भगवान श्री गणेश जी को भी केले का भोग लगाया जाता है। भगवान श्री गणेश जी को केला भी काफी पसंद है। उनकी पूजा- अराधना करते वक्त भोग में केले को भी शामिल कर सकते हैं।
नारियल व मखाना
नारियल भी हर व्रत और पूजा में जरूर चढ़ता है। भगवान गणेश जी की पूजा में भी नारियल का भोग लगता है। नारियल का भोग लगाना शुभ माना जाता है। इसके अलावा मखाने का भोग भी भगवान गणेश को लगाया जाता है।
(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)