- इस वर्ष गुप्त नवरात्रि 12 फरवरी से शुरू हो रही है जो 21 फरवरी को समाप्त होगी।
- गुप्त नवरात्रि तंत्र विद्याओं के लिए बहुत ही अनुकूल माना जाता है।
- गुप्त नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा करने के लिए शुभ मुहूर्त पर विशेष ध्यान दिया जाता है।
नई दिल्ली: यूं तो नवरात्र चैत्र और शरद रितु में दो बार मनाया जाता है। माघ का महीना बाकी महीनों से बहुत ही ज्यादा शुभ फल प्रदान करने वाला माना गया है। इस महीने में किए जाने वाले पूजा, यज्ञ और तप बहुत ही फलदायक होते हैं।
हिंदू धर्म के पौराणिक मान्यताओं के अनुसार हर वर्ष चार नवरात्रि मनाई जाती है। माघ मास में गुप्त नवरात्रि मनाई जाती है जो 12 फरवरी यानी शुक्रवार से प्रारंभ हो रही है। गुप्त नवरात्रि में माता दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है । गुप्त नवरात्रि में जागरण करने का भी विशेष महत्व होता है। कहा जाता है कि गुप्त नवरात्रि में रात्रि जागरण करने से और मां दुर्गा की पूजा करने से तंत्र विद्या सिद्ध हो जाती है। नवरात्रि पर्व में शुभ मुहूर्तों पर विशेष ध्यान दिया जाता है। इस दौरान घट और कलश स्थापना शुभ मुहूर्त पर करना चाहिए। यहां जानिए गुप्त नवरात्रि के लिए महत्वपूर्ण शुभ मुहूर्त और सभी जरूरी बातें।
घट स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त
गुप्त नवरात्रि 12 फरवरी से शुरू हो रही है जो 21 फरवरी को समाप्त होगी।
कलश स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त
गुप्त नवरात्रि में कलश स्थापना के लिए 12 फरवरी के दिन सुबह 08:34 से लेकर 09: 59 मिनट तक शुभ मुहूर्त है। इसलिए कलश स्थापना इसी मुहूर्त में करना चाहिए।
गुप्त नवरात्रि में अभिजीत मुहूर्त
12 फरवरी के दिन अभिजीत मुहूर्त 12:13 से लेकर 12:58 तक है।
गुप्त नवरात्रि में मां दुर्गा की किन स्वरूपों की की जाती है पूजा?
गुप्त नवरात्रि में 10 महाविद्याओं का पूजन करना बहुत अनुकूल माना जाता है। गुप्त नवरात्रि के पर्व पर तारा देवी, भुवनेश्वरी, मां कालिके, माता चित्रमस्ता, कमला देवी, माता बगलामुखी, त्रिपुर सुंदरी, मातंगी और त्रिपुर भैरवी की पूजा विधिवत तरीके से की जाती है।
कैसे करें मां दुर्गा की पूजा?
इन दिनों में मां दुर्गा की विशेष कृपा प्राप्त करने के लिए तांत्रिक और अघोरी आधी रात में विधिवत तरीके से पूजा करते हैं। ऐसी मान्यता है कि पूजा करते समय मां दुर्गा को लाल रंग का सिंदूर और सुनहरे गोटे वाली चुनरी जरूर अर्पित करनी चाहिए। इसके साथ पूजा में लाल फूलों का इस्तेमाल करना बहुत फलदायक माना जाता है।