- श्रावण कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली अमावस्या तिथि को हरियाली अमावस्या के नाम से जाना जाता है।
- इस वर्ष हरियाली अमावस्या 08 अगस्त 2021 के दिन मनाई जा रही है।
- मान्यताओं के अनुसार, हरियाली अमावस्या पर राशि अनुसार वृक्षारोपण करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है।
Hariyali Amavasya Par Kaun Sa Paudha Lagaaen: भारतीय संस्कृति में पेड़ों की पूजा करने का विधान है। कई खास पर्व पर लोग पेड़ों की पूजा करते हैं। इन्हीं पर्वों में से एक हरियाली अमावस्या है जो हर वर्ष श्रावण कृष्ण पक्ष में पड़ती है। श्रावण कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली अमावस्या तिथि को श्रावण अमावस्या, सावन अमावस्या या हरियाली अमावस्या के नाम से जाना गया है। हरियाली अमावस्या का धार्मिक और प्राकृतिक महत्व है। इस दिन लोग वृक्षारोपण करते हैं तथा पेड़ों की पूजा विधि अनुसार करते हैं। मान्यताओं के अनुसार, हरियाली अमावस्या पर जातकों को अपनी राशि के अनुसार वृक्षारोपण करना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि हरियाली अमावस्या पर वृक्षारोपण करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है।
हरियाली अमावस्या पर राशि के अनुसार जातक करें वृक्षारोपण।
- मेष राशि: - लाल चंदन
- वृष: - सप्तपर्णी
- मिथुन: - कटहल
- कर्क: - पलाश
- सिंह: - पाडल
- कन्या: - आम
- तुला: - मौलश्री
- वृश्चिक: - खैर
- धनु: - पीपल
- मकर: - शीशम
- कुंभ: - कैगर खैर
- मीन: - बरगद
दिशाओं के अनुसार करें वृक्षारोपण
ज्योतिष शास्त्र के ज्ञाता यह बताते हैं कि हरियाली तीज पर वृक्षारोपण करते समय दिशाओं का विशेष ध्यान रखना चाहिए। वास्तु शास्त्र के अनुसार भी ऐसा करना जातकों के लिए फायदेमंद है। ऐसा कहा जाता है कि कई वृक्ष दिग्पाल बनकर दिशाओं का प्रतिनिधि करते हैं। ऐसे में दिशाओं के अनुसार इन पौधों को लगाने से जातकों के जीवन में खुशियां तथा सकारात्मकता आती है। जानकारों का मानना है कि, इन आठों दिशाओं में दिग्पाल वृक्षों का वृक्षारोपण करना चाहिए। माना जाता है कि जामुन का पौधा उत्तर में, हवन का पौधा उत्तर पूर्व में, सादड़ का पौधा उत्तर पश्चिम में, कदंब का पौधा पश्चिम में, चंदन का पौधा दक्षिण पश्चिम में, आंवला का पौधा दक्षिण में, बांस पूर्व में और गूलर दक्षिण पूर्व दिशा में लगाना चाहिए।