- हरियाली तीज के दिन सुहागिन महिलाएं सोलह श्रृंगार कर पति की लम्बी उम्र के लिए व्रत रखती हैं
- हरियाली तीज में मिट्टी से भगवान शिव और मां पार्वती की मूर्ति बनाई जाती हैं
- इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं
Hariyali Teej Aarti: हिंदू धर्म में सावन का महीना बेहद पवित्र महीना माना जाता है। इस महीने में भोलेनाथ और माता पार्वती की विशेष पूजा अर्चना की जाती हैं। मान्यताओं के अनुसार इस महीने में भोलेनाथ और माता पार्वती की पूजा सच्चे मन से करने से जीवन की सभी विघ्न-बाधाएं हमेशा के लिए समाप्त हो जाती हैं।
हरियाली तीज में सुहागिन महिलाएं पूजा की थाली में सुहाग की सभी चीजें को सजाकर मां पार्वती और शिव की मिट्टी की प्रतिमा बनाकर पूजा करती हैं। उस दिन कथा में पूजा में कथा और आरती पढ़ने का विशेष महत्व होता है।
हरियाली तीज आरती
जय पार्वती माता, जय पार्वती माता।।
ब्रह्म सनातन देवी, शुभ फल की दाता।। जय पार्वती माता।।
अरिकुल पद्मा विनासनी जय सेवक त्राता।
जग जीवन जगदम्बा हरिहर गुण गाता। जय पार्वती माता।।
सिंह को वाहन साजे कुंडल है साथा।
देव वधु जहं गावत नृत्य कर ताथा।। जय पार्वती माता।।
सतयुग शील सुसुन्दर नाम सती कहलाता।।
जय पार्वती माता, जय पार्वती माता।।
हेमांचल घर जन्मी सखियन रंगराता।। जय पार्वती माता।।
शुम्भ-निशुम्भ विदारे हेमांचल स्याता।
सहस भुजा तनु धरिके चक्र लियो हाथा।। जय पार्वती माता।।
सृष्टि रूप तुही जननी शिव संग रंगराता।
नंदी भृंगी बीन लाही सारा मदमाता। जय पार्वती माता।।
देवन अरज करत हम चित को लाता।
गावत दे दे ताली मन में रंगराता।। जय पार्वती माता।।
श्री प्रताप आरती मैया की जो कोई गाता।
सदा सुखी रहता सुख संपति पाता।। जय पार्वती माता।।
हरियाली तीज का महत्व
हरियाली तीज भी सावन महीने में ही मनाई जाती है। इस दिन माता माता पार्वती और भोलेनाथ की पूजा आराधना की जाती हैं। हरियाली तीज के दिन सुहागन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। मान्यताओं के अनुसार इस दिन ही भगवान शिव ने माता पार्वती की तपस्या से खुश होकर उनसे विवाह किया था।