- देवी पार्वती के श्रंगार में वस्त्र के साथ चुनरी भी जरूर रखें
- सास की थाली में दक्षिणा का होना जरूरी होता है
- शिव-पार्वती और गणपति की प्रतिमा के लिए मिट्टी लेना न भूलें
पति की लंबी उम्र की कामना के लिए हरियाली तीज का व्रत गुरुवार को रखा जाना है। सुहाग का ये पर्व महिलाओं को बेहद प्रिय होता है। इस दिन की तैयारी कई दिनों पूर्व ही शुरू हो जाती है। पूजन सामग्री के साथ ही साजो-श्रृंगार के समान की खरीदारी पहले से ही महिलाएं करने लगती हैं। घर में भी तीज-त्योहार की भी खुशियां नजर आने लगती हैं। देवी पार्वती को भी श्रृंगार का सामान चढ़ाया जाता है और साथ ही सास के लिए सुहाग की थाली भी सजाई जाती है।
ऐसे में काफी तैयारी करनी होती है, संभव है कि इन तैयारियों में कभी कुछ न कुछ चीजें अंतिम समय पर याद आती हैं। ऐसे में आपसे कोई पूजन सामग्री में चूक न हो इसके लिए यहां दी जा रही पूजा की पूरी लिस्ट से मिला कर सकती हैं।
Hariyali Teej Pooja Muhurat, सर्वप्रथम जानें, हरियाली तीज शुभ मुहूर्त
हरियाली तीज का शुभ मुहूर्त
श्रावण तृतीया आरम्भ: 22 जुलाई शाम 7 बजकर 23 मिनट
श्रावण तृतीया समाप्त: 23 जुलाई शाम 5 बजकर 4 मिनट तक
Hariyali Teej Pooja Ki Samagri, हरियाली पूजा की सामग्री
भगवान शिव-पार्वती और गणपति की प्रतिमा बनाने के लिए शुद्ध मिट्टी, पीले रंग का कपड़ा, बेल पत्र, केले के पत्ते, धतूरा, आंकड़े के पत्ते, तुलसी, शमी के पत्ते, जनेऊ,धागा, जटा नारियल, चुनरी और साड़ी।
Hariyali Teej Shringar Samagri for Devi Parvati, देवी के श्रृंगार के लिए सामग्री
देवी पार्वती श्रंगार के लिए चूडियां, महावर, नथ, सिंदूर, बिंदी, बिछुआ, मेहंदी, कुमकुम, कंघी, नेलपॉलिश आदि तैयार कर लें। इसके अलावा श्रीफल, कलश, अबीर, चंदन, तेल और घी, कपूर, दही, चीनी, शहद ,दूध और पंचामृत की भी तैयारी देख लें।
Hariyali Teej Par Saas ki thali ki Samagri, सास की सुहाग की थाली के लिए
चूडियां, हरी रंग की साड़ी, बिंदी, बिछिया, मेहंदी, महावर, नेलपॉलिश, कुमकुम, कंघी, दक्षिणा आदि के साथ मिठाईयां और फल की तैयारी कर लें।
Hariyali Teej Pooja Vidhi, पूजा करने की विधि
सुबह उठ कर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करने के बाद मन ही मन पूजा करने का संकल्प लें और 'उमामहेश्वरसायुज्य सिद्धये हरितालिका व्रतमहं करिष्ये' मंत्र का जाप करें। पूजा शुरू करने से पहले काली मिट्टी के प्रयोग से भगवान शिव और मां पार्वती तथा भगवान गणेश की मूर्ति बनाएं। फिर थाली में सुहाग की सामग्रियों को सजा कर माता पार्वती को अर्पित करें। ऐसा करने के बाद भगवान शिव को वस्त्र चढ़ाएं। उसके बाद तीज की कथा सुने या पढ़ें। फिर गणेश जी की आरती करने के बाद शिव जी और मां पार्वती की आरती करें। रातभर जागें और अगले दिन सुबह तीनों भगवान की पूजा कर के मां पार्वती को सिंदूर अर्पित करें। फिर भगवान को खीर और हलवा अर्पित कर के खुद का व्रत खीर खा कर खोल दें।