नई दिल्ली: हिंदू धर्म में कोई न कोई दिन किसी न किसी भगवान को समर्पित होता है। ऐसे ही रविवार, भगवान सूर्य का दिन होता है। जो लोग रविवार को व्रत रखते हैं उनके लिये यह व्रत काफी अच्छा माना जाता है। इस व्रत को करने से जीवन में सुख और शांति आती है। पुराने समय से ही सूर्य की उपासना होती आ रही है।
सूर्य देव की प्रत्यक्ष रूप से पूजा की जा सकती है क्योंकि हर कोई उन्हें देख सकता है। विवार व्रत कथा पढ़ने और सुनने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं तथा सुख-समृद्धि और धन-संपत्ति प्राप्त होती है। यही नहीं यदि कोई स्त्री बांझ है तो उसे भी इस पूजा से पुत्र की प्राप्ति होती है।
यदि आप सूर्यदेव को खुश करना चाहते हैं तो उन्हें रविवार को अर्घ्य देना न भूलें, आइये जानें सूर्य देव को अर्घ्य कैसे देते हैं।
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सूर्य को अर्घ्य कैसे दें
सूर्य को अर्घ्यदान की विशेष महत्ता है। रोजाना सुबह उठ कर तांबे के लोट में पानी भर कर उसमें लाल फूल, चावल आदि डाल कर खुशी मन से सूर्य मंत्र का जाप करते हुए भगवान सूर्य को जल चढ़ाएं। इस तरह से अर्घ्यदान कर के भगवान सूर्य खुश होते हैं और व्यक्ति को लंबी आयु, धन, धान्य, पुत्र, यश, विद्धा और सौभाग्य प्रदान करते हैं।
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किन-किन नियमों का पालन करना चाहिये
- रोजाना सुबह सुबह उठ कर नित्यक्रिया खतम कर के स्नान करें।
- नहाने के बाद सूर्यनारायण को तीन बार जल चढ़ाने के बाद प्रणाम करें।
- शाम के समय फिर से सूर्यदेवर को जल चढ़ाएं और प्रणाम करें।
- सूर्य के मंत्रों का जाप करें और मन को खुश रखें।
- इसके अलावा आदित्य हृदय का भी नियमित पाठ करें।
- रविवार को न तो तेल का सेवन करें और ना ही नमक का सेवन करना चाहिये।
- इसके साथ ही एक समय का ही भोजन करना चाहिये।
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