नई दिल्ली: हर साल दिवाली से ठीक 2 दिन पहले धनतेरस मनाया जाता है। इस साल यह मंगलवार 17 अक्टूबर को मनाया जाएगा। भगवान धन्वन्तरि का जन्म धनतेरस के रूप में मनाया जाता है। इन्हें भगवान विष्णु का रूप कहते हैं जिनकी चार भुजायें हैं। इनका प्रिय धातु पीतल है, इसीलिए इस दिन पीतल आदि के बर्तन खरीदने की भी परंपरा है।
बर्तन खरीदना होगा शुभ
इस दिन खरीददारी करना शुभ माना जाता है। इस दिन गहने, सोना-चांदी, बर्तन या घर का कोई भी जरूरी सामान खरीदा जाता है। इस दिन स्टील और चांदी के बर्तन खरीदना शुभ माना जाता है। माना जाता है कि इस दिन वस्तु खरीदने से उसमें कई गुणा वृद्धि होती है। धनतेरस के दिन चांदी खरीदने की भी प्रथा है। चांदी चंद्रमा का प्रतीक है जो शीतलता प्रदान करता है और इससे मन में संतोष रूपी धन का वास होता है। मकान और जमीन खरीदने के लिए भी ये दिन शुभ माना जाता है।
देवताओं के चिकित्सक है धन्वन्तरि
धनतेरस अपने धन को तेरह गुणा बनाने और उसमें वृद्धि करने का दिन है। कारोबारियों के लिए इस दिन का खास महत्व है क्योंकि धारणा है कि इस दिन लक्ष्मी पूजा से समृद्धि, खुशियां और सफलता मिलती है। माना जाता है इसी दिन समुद्र मंथन के दौरान, अमृत का कलश लेकर धन्वन्तरी प्रकट हुए थे। स्वास्थ्य रक्षा और आरोग्य के लिए इस दिन धन्वन्तरी देव की उपासना की जाती है। धन्वन्तरि के जीवन में अमृत कलश जुड़ा हुआ है। वह भी स्वर्ण कलश जिसमें अमृत भरा था। अमृत निर्माण करने का प्रयोग धन्वन्तरि ने स्वर्ण पात्र में ही बताया था। इस प्रकार स्वर्ण के कलश में अमृत लाने वाले धन्वन्तरि ही थे। धन्वन्तरि देवताओं के चिकित्सक भी हैं और चिकित्सा के देवता माने जाते हैं, इसलिए चिकित्सकों के लिए धनतेरस का दिन बहुत ही महत्व पूर्ण होता है।