मुंबई. सदी के महानायाक अमिताभ बच्चन की लाइफ में एक समय ऐसा भी आया जब वह दीवालिया होने की कगार पर आ गए थे। लेकिन इस रत्न को पहनने के बाद से उनके दिन ऐसे फिरे कि इंडस्ट्री के यंग स्टार्स भी कमाई के मामले में उनके आगे पानी भरते हैं। अमिताभ बच्चन अपनी अंगूठी में नीलम रत्न पहनते हैं। इसे blue sapphire भी कहा जाता है। इस रत्न में चमत्कारिक शक्तियां बताई जाती हैं। कहा जाता है कि अगर ये किसी को सूट कर जाए तो उसे बादशाह बना देता है।
अमिताभ को कैसे फला नीलम रत्न
अमिताभ बच्चन के करियर खासकर उनके कमबैक पर गौर करें तो यह बात सच लगती है। नीलम रत्न को पहनने के बाद उनको कौन बनेगा करोड़पति होस्ट करने का मौका मिला। इससे तो उनको बेतहाशा फेम मिला ही, इसके अलावा उनका फिल्मी करियर भी वापस पटरी पर आ गया। आपको अमिताभ बच्चन का जन्म 11 अक्तूबर 1942 को उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में हुआ था। 1969 में उन्होंने असफल फिल्म सात हिंदुस्तानी से अपने करियर की शुरुआत की। लेकिन 1971 में फिल्म आनंद के साथ उनको पहचान मिली और इस तरह उस कलाकार का उदय हुआ, जिसके आगे सुपरस्टार और स्टारडम जैसे शब्द भी छोटे पड़ते हैं।
90 के दशक में आया बुरा दौर
दो दशक तक भरपूर सफलता का दौर देखने के बाद अमिताभ बच्चन ने 90 के दशक में बुरा दौर देखा। उन्होंने अपनी कंपनी खड़ी की लेकिन इससे भी उनको नुकसान ही झेलना पड़ा। एक नौबत ये आ गई थी कि अमिताभ दीवालिया होने की कगार पर थे और वह इधर उधर नौकरी तक ढूंढने लगे थे। लेकिन इसी बीच उनको एक ज्योतिषी ने नीलम पहनने की सलाह दी।
क्या है ये नीलम का कमाल
अमिताभ ने इस सलाह पर नीलम को अंगूठी में पहना और इसी के साथ उनका दशा में सुधार आना बताया जाता है। नीलम को पहनने के बाद उनको कौन बनेगा करोड़पति होस्ट करने का चांस मिला। इस ऑफर को अमिताभ ने हिचकते हुए स्वीकार किया और फिर से लोकप्रियता और सफलता की रेस में सबसे आगे निकल गए। इस के बाद से न सिर्फ अमिताभ बच्चन को बॉलीवुड में अच्छी फिल्मों के ऑफर मिले, बल्कि वह विज्ञापन जगत का भी एक चहेता चेहरा बन गए।
जानें नीलम रत्न के बारे में ये खास बातें-
- नीलम धारण करने पर मेहनत अवश्य करें। शनि एक मेहनत प्रिय और ईमानदार ग्रह है और इसके चलते इसका रत्न नीलम मेहनती और ईमानदार लोगों को ही फलता है। उदाहरण हम अमिताभ बच्चन में देख ही चुके हैं। वैसे जिन लोगों के लिए नीलम अनुकूल होता है, उन्हें धारण करते ही शुभ फल देने लगता है। खासतौर पर स्वास्थ्य संबंधी समस्या में सबसे पहले फर्क दिखाई देता है।
- नीलम धारण करने के बाद शनिवार और शनि नक्षत्रों में अन्न दान जरूर करें। वहीं शनिवार के दिन मदिरा-तामसिक भोजन न करें।
- विकलांग लोगों के प्रति सेवा भाव रखें और बड़ों को भी आदर दें।
- हर महीने शुक्ल पक्ष के दूसरे शनिवार को रत्न को दूध, घी, गंगाजल, तिल और मिश्री मिले जल से साफ करें।
- रत्न का शम्मी के लकड़ी से 108 बार ओम शन्नोदेवीरभिष्ट्यः आपोभवन्तुपीतये शंय्योरभिस्रवन्तुनः - मंत्र के उचारण के अभिषेक कीजिए। इससे रत्न जागृत होगा।
- वहीं नीलम व्यक्ति के शुभ नहीं होने पर धारण करने वाले को तुरंत आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ता है। नीलम अगर अनुकूल नहीं है तो बुरे और डरावने सपने परेशान करते हैं।