- हिंदू धर्म में शंख का विशेष महत्व होता है
- इसे मंदिर में रखा जाता है और बहुत ही पूज्यनीय माना जाता है
- मान्यता है कि घर में रोज शंख बजाने से नकारात्मक ऊर्जा दूर जाती है
Shankh Worship Rules: हिंदू धर्म में हर शुभ कार्य की शुरुआत शंख की ध्वनि से होती है। घर में शंख की ध्वनि बजना शुभ माना जाता है। हिंदू धर्म में शंख का विशेष महत्व होता है। इसे मंदिर में रखा जाता है और बहुत ही पूज्यनीय माना जाता है। हिंदू धर्म में ऐसी मान्यता है कि घर में रोज शंख बजाने से नकारात्मक ऊर्जा दूर जाती है। वहीं सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। हिंदू धर्म में मान्यता है कि समुद्र मंथन के समय निकलने वाले 14 रत्नों में से एक रत्न शंख भी था। समुद्र मंथन में ही मां लक्ष्मी का भी प्रादुर्भाव हुआ था, इसलिए शंख को मां लक्ष्मी का भाई माना जाता है। भगवान विष्णु और महालक्ष्मी की पूजा के बगैर शंख अधूरा माना जाता है। शंख को कई देवी-देवताओं ने अपने हाथों में धारण कर रखा है। घर में शंख को रखना शुभ माना जाता है। लेकिन इसे रखने के लिए कई नियमों का पालन करना बेहद जरूरी है।
जमीन पर न रखें शंख
हिंदू धर्म में शंख को सबसे पवित्र माना जाता है, इसलिए लिए शंख को कभी ऐसी स्थान में नहीं रखना चाहिए, जहां गंदगी व अशुद्धता हो। शंख को कभी भी जमीन पर न रखें। शंख को किसी साफ लाल कपड़े या आसन में ही रखें।
इस दिशा में रखें शंख
हिंदू शास्त्रों के अनुसार धन की देवी महालक्ष्मी का स्वरूप शंख है। घर में सुख शांति समृद्धि के लिए शंख को उत्तर पूर्व दिशा में या मंदिर वाले स्थान पर रखना शुभ माना जाता है। देवी देवताओं की पूजा करते वक्त शंख को भी दीपक, अक्षत व चावल चढ़ाना चाहिए।
पितृ दोष होता है दूर
पितृ दोष के असर से बचने के लिए दक्षिणवर्ती शंख में पानी भरकर अमावस्या और शनिवार के दिन दक्षिण दिशा में मुख करते हुए तर्पण करने से पितृ दोष दूर होता है और पितृ प्रसन्न होकर आशीर्वाद देते हैं। इससे घर में आपसी झगड़े विवाद जैसी समस्या दूर होती हैं।
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झूठा करके न रखें शंख
पूजा के वक्त शंख का इस्तेमाल करते वक्त पानी भरकर इसका इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन शंख का इस्तेमाल करने के बाद में पानी भरकर न रखें। इसे कपड़े से साफ करके गंगाजल छिड़ककर मंदिर वाले स्थान पर रखें। शंख कभी भी झूठा करके नहीं रखा जाता है।
(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)