- मंगल ग्रह का रत्न है मूंगा
- मंगल दोष से वैवाहिक जीवन और विवाह में आती है परेशानी
- हमेशा ज्योतिष की सलाह पर ही धारण करें मूंगा
Mars Gemstone Moonga Benefits: कई रत्नों में मूंगा भी एक अनोखा रत्न है, जोकि मंगल का रत्न माना जाता है। जिन लोगों की कुंडली में मंगल का अशुभ प्रभाव होता है उसे नियंत्रित करने के लिए ज्योतिष मूंगा धारण करने की सलाह देते हैं। ज्योतिष में मंगल को क्रूर ग्रह माना गया है। अगर कुंडली में मंगल दोष है तो दांपत्य जीवन और विवाह में कई तरह की परेशानियां आती है। किसी जातक की कुंडली में अगर मंगल अशुभ स्थिति में है तो उसे कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसलिए ज्योतिष ऐसे लोगों को मूंगा धारण करने की सलाह देते हैं।
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मूंगा पहनने से पहले जान लें ये बातें
- मूंगा रत्न हमेशा मंगलवार के दिन ही पहनना चाहिए।
- मूंगा हमेशा तर्जनी और अनामिका अंगुली में ही धारण करें।
- कभी भी गोमेद, हीरा और नीलम के साथ मूंगा रत्न धारण न करें। ऐसा करने से आपको फायदे के बजाय नुकसान होने लगता है।
- अगर आपने मूंगा पहना है तो मंगलवार और शनिवार के दिन मांसाहारी भोजन न करें।
मंगल से जुड़ा है मूंगा का नियम
मूंगा मंगल ग्रह का रत्न है। इसलिए केवल ऐसे लोगों को ही मूंगा धारण करना चाहिए जिनकी कुंडली में मंगल अशुभ स्थिति में हो। जिन जातक की कुंडली में मंगल प्रबल हो और शुभ फल दे रहा हो उन्हें कभी मूंगा नहीं पहनना चाहिए। मूंगा का संबंध मंगलवार से है, इसलिए इसे मंगलवार के दिन ही खरीदना चाहिए। मूंगा रत्न पहनने से हनुमानजी की कृपा भी आप पर बनी रहेगी।
मूंगा धारण करने की विधि
मूंगा रत्न मंगलवार को खरीदना चाहिए और मंगलवार को ही धारण करना चाहिए। वैसे तो इस रत्न को सोने की अंगूठी में जड़वाकर पहनना चाहिए।लेकिन सोना खरीदना संभव न हो तो आप चांदी या तांबे की अंगूठी में भी इसे पहन सकते हैं। महीने के किसी भी शुक्ल पक्ष के मंगलवार के दिन सुबह 108 बार ‘ऊॅ भौमाय नमः' मन्त्र का जाप करें और मूंगे को हनुमान जी के चरणों में रखकर प्रार्थना करें। इसके बाद मूंगे को तर्जनी या अनामिका उंगली में पहन लें। लेकिन कभी भी मूंगा धारण करने से पहले ज्योतिष सलाह जरूर लें। क्योंकि ज्योतिष आपकी कुंडली के प्रभाव के अनुसार वजन या कैरेट के अनुसार मूंगा पहनने की सलाह देंगे।
(डिस्क्लेमर: यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)