Jaya Ekadashi 2020 Date, Time : पुराणों में एकादशी के व्रत की बड़ी महिमा बताई गई है। इस व्रत में भगवान विष्णु और श्री कृष्ण की पूजा होती है। कहा जाता है कि एकादशी के व्रत को पूरी श्रद्धा के साथ करने वाले को तमाम पापों से मुक्ति मिल जाती है। यही नहीं जया एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति सभी नीच योनि अर्थात भूत, प्रेत, पिशाच की योनि से मुक्त हो जाता है और उसमें कभी जन्म नहीं लेता। ग्रंथों के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण ने इस एकादशी का महत्व युधिष्ठिर को बताया था।
जया एकादशी की तिथि 4 फरवरी को रात 9:49 से शुरू होगी। इसका समापन 5 फरवरी को रात 9:31 को होगा। एकादशी व्रत का पारण समय 6 फरवरी को सुबह 7:08 मिनट से लेकर 9:21 मिनट तक रहेगा।
Jaya Ekadashi 2020 Vrat Vidhi : जो भक्त जया एकादशी का व्रत रख रहे हैं, उन्हें सुबह नहा धोकर सबसे पहले विष्णु जी की पूजा करके व्रत का संकल्प लेना चाहिए। इसके बाद श्री विष्णु जी की पूजा करने के लिए धूप, दीप, चंदन, फल, तिल, एवं पंचामृत चढ़ाएं। व्रत रखने वाले को इस दिन भोजन में केवल सात्विक भोजन करना चाहिए। पूरा दिन व्रत रख कर रात में जागरण करना चाहिए। इसके बाद दूसरे दिन यानि द्वादशी को गरीबों को दान पुण्य करके भोजन का सेवन करें।
Jaya Ekadashi Ke Niyam: जया एकादशी पर व्रत रखने वाले और इस व्रत को न रखने वाले भी कुछ नियमों का पालन करें। इससे सभी को पुण्य की प्राप्ति होगी।
- इस दिन विचार अच्छे रखें। नकारात्मक सोच न लाएं।
- व्रत नहीं रख रहे हैं तो भी सात्विक भोजन करें।
- एकादशी के दिन चावल न खाएं। जहां तक हो सके, फलाहार करें।
- क्रोध व अपशब्दों से एकादशी वाले दिन बचकर रहें।
- अगर पूजा न कर सकें तो मन ही मन भगवान विष्णु का जाप करते रहें।
इन नियमों का पालन करने से श्री हरि की कृपा प्राप्त होगी और जीवन में आने वाली बाधाएं भी दूर होती जाएंगी।