नई दिल्ली: हिंदी पंचांग में कार्तिक माह को वर्ष का सबसे पवित्र महीना माना जाता है। 2017 में यह 5 अक्टूबर से 4 नवंबर तक चलेगा। इस दौरान किया गया स्नान, दान और उपवास सभी पापों से मुक्ति से दिलाने वाला है। पुराणों में इस मास को भगवान विष्णु और शिव का प्रिय बताया गया है।
कार्तिक माह में भगवान कार्तिकेय और तुलसी की भी विशेष पूजा की जाती है। वहीं तुलसी विवाह भी संपन्न कराया जाता है। वैसे कुछ नियमों का पालन किया जाए तो यह माह जहां धन का अभाव दूर कर संपन्नता दिलाता है, वहीं दुखों और परेशानियों से छुटकारा भी दिलाता है। जानें ये उपाय-
1. कार्तिक महीने में सभी 30 दिनों में सूर्योदय से पूर्व और संध्याकाल में स्नान करना बेहद पवित्र माना जाता है। पुराणों में इस स्नान को कुंभ स्नान के समान माना जाता है।
2. माह में हर दिन स्नान के साथ गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए। यह जाप करना सौभाग्य वृद्धि करता है।
3. अगर दान या अन्य धार्मिक कार्यों करें तो पुष्कर, बनारस और कुरुक्षेत्र में इसके लिए सबसे अधिक फलदायी जगह मानी जाती हैं।
4. इस माह में दीपदान का बेहद महत्व है। साथ ही हर शाम तुलसी के नीचे घी का दीया अवश्य जलाएं और सुबह-शाम जल अर्पण करते हुए तुलसी की परिक्रमा भी अवश्य करें।
5. भगवान विष्णु को प्रसन्न करने वालों पर मां लक्ष्मी की भी कृपा होती है। ऐसे में इस माह में स्वच्छता व सफाई पर खूब जोर दिया जाता है। इस पर ध्यान न देने से घर और इसके आसपास कूड़ा ना फैलाएं, इससे मां लक्ष्मी ही नहीं बल्कि भगवान शिव और विष्णु के कोप का भाजन भी बनना पड़ता है जो दुर्भाग्य लाता है।