- करवा चौथ का व्रत पति सजल भी रख सकते हैं
- पति शिव परिवार की पूजा कर व्रत का संकल्प लें
- पत्नी के साथ बैठकर व्रत पूजन और कथा का श्रवण करें
करवा चौथ पर पत्नी अपने पति की लंबी आयु के लिए निर्जला व्रत रखती हैं, लेकिन बहुत कम लोग ये जानते हैं कि इस दिन पति भी पत्नी के लिए व्रत कर सकते हैं। पति अपनी पत्नी के लिए दो परिस्थितयों में व्रत का पालन करते हैं। पहली स्थिति में पति तब व्रत का पालन करते हैं जब पत्नी की तबियत खराब हो अथवा वह प्रेग्नेंट हो।
ऐसी स्थिति में पत्नी का व्रत पति अपने ऊपर ले लेते हैं, ताकि व्रत की परंपरा खंडित न होने पाए। दूसरी स्थिति में पति अपनी पत्नी के साथ व्रत रखते हैं। पति अपनी पत्नी की रक्षा और लंबी उम्र के लिए ही ये व्रत करते हैं।
मान्यता है यदि पति-पत्नी दोनों ही एक-दूसरे के लिए व्रत करते हैं तो इससे उनके बीच प्रेम बढ़ता है और दांपत्य जीवन सुखमय होता है। तो आइए आपको बताएं कि यदि पति करवा चौथ का व्रत करना चाहते हैं तो उन्हें किन नियमों का पालन करना चाहिए।
पति इन नियमों के साथ रख सकते हैं करवा चौथ का व्रत
- पति यदि पत्नी के लिए व्रत करना चाहते हैं तो वह निर्जला या सजल व्रत का पालन कर सकते हैं।
- सूर्योदय पर स्नान कर आप शिवजी की पूरे परिवार के साथ पूजा करें और व्रत का संकल्प लें।
- व्रत के दिन सफेद या काल वस्त्र न पहनें।
- पति चाहें तो अपने हाथ में पत्नी के नाम को मेहंदी से लिखवा सकते हैं। यह उनके प्रेम को और बढ़ाएगा।
- शाम के समय जब पत्नी पूजा करे तो आप भी साथ ही बैठें और साथ में करवाचौथ की रस्म अदा करें और व्रत कथा का श्रवण करें।
- सूर्योदय के साथ व्रत शुरू कर आप चंद्रोदय तक व्रत का पालन करें और जब पत्नी चांद को देख कर आपको छलनी से देख तो उसी छलनी से आप पत्नी को देखें। आप भी चांद को जल दे और उनसे अपने जोड़े की सलामती की प्रार्थना करें। पत्नी जब आपके हाथों से जल पी कर व्रत खोले तो आप भी अपने व्रत को खोलें।
- व्रत पूजा के बाद आप करवा चौथ का उपहार पत्नी को दें और उसके प्रति अपने प्रेम और सहयोग की भावना को प्रदर्शित करें।
व्रत के नियमों का पालन आप अपनी सुविधा और इच्छा के अनुसार तय कर सकते हैं। यह व्रत दांपत्य जीवन के प्रेम को बढ़ाने के लिए होता है और इसे करने से भगवान का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है।