- 16 फरवरी को वसंत पंचमी के दिन होगा पहला शाही स्नान
- कुंभ में देश भर से लगभग 800 महामंडलेश्वर शामिल होंगे
- तीनों अनी अखाड़ों द्वारा ध्वजारोहण किया जाएगा
Vrindavan Mini Kumbh: यमुना किनारे केशीघाट और देवराहा बाबा घाट के बीच मिनी कुंभ लगना है। मिनी कुंभ के लिए करीब 40 हेक्टेयर भूमि तय की गई है। 41 दिन तक चलने वाला ये मिनी कुंभ बेहद दिव्य और भव्य होगा। कुंभ के संत समागम में देश भर से लगभग 800 महामंडलेश्वर शामिल होंगे। मेले का शुभारंभ 16 फरवरी को वसंत पंचमी के दिन होगा और इस मौके पर तीनों अनी अखाड़ों द्वारा ध्वजारोहण किया जाएगा। रंगभरनी एकादशी 25 मार्च को पंचकोसीय परिक्रमा के साथ मेले का समापन होगा। तीन शाही स्नान की तिथियां भी तय की गई हैं। पहला शाही स्नान माघी पूर्णिमा 27 फरवरी को होगा। द्वितीय शाही स्नान फाल्गुन कृष्ण पक्ष नौ मार्च को होगा, जबकि तीसरा शाही स्नान अमावस्या 13 मार्च को होगा।
जानें, मिनी कुंभ कि क्या-क्या होगी खासियत
संतों और आगन्तुकों के लिए उपलब्ध होगा गंगाजल – कुंभ के दौरान साधु-संतों के लिए और आगन्तुकों को पीने के लिए गंगाजल की उपलब्ध कराया जाएगा। यमुना जल की शुद्धता के लिए भी विशेष ध्यान रखा जाएगा तथा अतिरिक्त पानी यमुना में छोड़ा जाएगा।
बनेंगे पौन्टून पुल और ईको फ्रेंडली शौचालय- केशीघाट और देवराहा बाबा घाट के बीच 2 पौंटून पुल बनाए जाएंगे। इसके साथ ही समागम स्थल की सड़क, वॉच टावर के साथ ही आयोजन स्थल पर ईको फ्रेंडली शौचालयों का निर्माण, पंडाल बनवाना, एलईडी स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था होगी। पूरा मेला क्षेत्र को पॉलीथिन मुक्त होगा। कुंभ तक पहुंचने वाली सड़कों की मरम्मत एवं नई सड़क अथवा पांटून पुलों का निर्माण होगा।
25 बेड का होगा अस्पताल -चिकित्सा विभाग की ओर से समागम स्थल पर 25 बेड का अस्पताल, डिस्पेंसरी तथा ऐंबुलेंस की व्यवस्था आदि करने के लिए भी बैठक में चर्चा की गई। इस आयोजन के दौरान समागम स्थल पर ही संतों को उचित दाम पर खाद्य सामग्री उपलब्ध हो सके इसके लिए खाद्य एवं आपूर्ति विभाग को उचित दरों पर राशन उपलब्ध कराना होगा।
संस्कृति ग्राम में होगा कृष्ण लीलाओं का मंचन-वृन्दावन कुम्भ में स्वागत द्वार भी बनाए जाएंगे। संस्कृति ग्राम स्थापित किया जाएगा और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ ही कृष्ण लीलाओं का मंचन होगा। मेले में आवागमन के लिए रोडवेज द्वारा वृन्दावन के लिए अतिरिक्त बसों का संचालन होगा।