- तिथियों के अनुसार शास्त्रों में खाने-पीने की मनाही है
- कुछ खाद्य पदार्था कुछ तिथियों पर खाने पाप के भागी बनते हैं
- खानपान के परहेज से सेहत भी अच्छी रहती है
हिंदू धर्म में प्रत्येक महीने में कोई न कोई व्रत-पूजन जरूर होता है। व्रत पूजन के आधार पर ही शास्त्रों में तिथियों के अनुसार कुछ चीजों को खाने की मनाही है। मान्यता है कि तिथियों के अनुसार भोजन करना केवल धार्मिक ही नहीं सेहत के लिहाज से भी जरूरी होता है। शास्त्रों में माह के अनुसार खाद्य पदार्थ खाने या न खाने के बारे में लिखा गया है। हर महीने में हर चीज नहीं खाई जा सकती है। इसी प्रकार कुछ तिथियों पर कुछ खास चीजों को खाना मना है। तो आइए आपको बताएं कि किन तिथियों पर किन चीजों को नहीं खाना चाहिए।
जानें, किस तिथि पर किन चीजों को खाने से करें परहेज
प्रतिपदा : प्रतिपदा तिथि पर पेठा खाने की मनाही है। मान्यता है कि इस दिन जो पेठे का सेवन करता है उसे धन की हानि उठानी पड़ती है।
द्वितिया : बैंगन व कटहल जैसी सब्जियों को द्वितीया के दिन नहीं खाना चाहिए।
तृतीया : तृतीया तिथि पर परवल का सेवन मना है। इस दिन जो भी परवल का सेवन करता है वह अपने शत्रुओ की संख्या को बढ़ाता है।
चतुर्थी : इस तिथि पर मूली का सेवन वर्जित होता है। मूली चतुर्थी पर खाने से धन हानि होती है।
पंचमी : पंचमी पर बेल खाना मना है। मान्यता है कि इस दिन यदि कोई बेल का सेवन करता है तो उसे अपयश मिलता है।
षष्ठी : षष्ठी के दिन नीम की पत्ती और दातुन करना मना है। इस दिन नीम की पत्ती सेवन करने से तथा नीम की दातुन से दांत साफ करने पर जीवात्मा को नीच योनि की प्राप्ति होती है।
सप्तमी : ताड़ का सेवन सप्तमी तिथि पर वर्जित है। इस दिन इस फल का सेवन करने से गंभीर रोग होने की होती है।
अष्टमी : अष्टमी पर कभी भी नारियल नहीं खाना चाहिए। ऐसा करने से बुद्धि का विनाश हो जाता है।
नवमी : नवमी तिथि पर लौकी खाना वर्जित है। नवमी पर लौकी का सेवन गौमांस का सेवन करने के बराबर माना गया है।
दशमी : दशमी के दिन कलंबी नहीं खाना चाहिए।
एकादशी: एकादशी के दिन सेम फली और चावल का सेवन नहीं करना चाहिए।
द्वादशी: द्वादशी पर पोई की पत्ती खाना मना होता है।
त्रयोदशी : इस दिन बैंगन का सेवन करना वर्जित होता है।
अमावस्या या पूर्णिमा : तिल का तेल, लाल साग अमावस्या, पूर्णिमा, किसी भी सक्रांति के दिन, चतुर्दशी और अष्टमी के साथ ही रविवार व पितृों के श्राद्ध वाले दिन खाना मना है।
तो तिथि के अनुसार शास्त्रों में खान-पान की कुछ चीजों की मनाही है। इनका पालन करने से मनुष्य के कुल-कर्म सही रहते हैं।