- शनिवार का दिन शनि देव को समर्पित होता है
- ज्योतिष के अनसार मनुष्य के शुभ और अशुभ कर्मों का फल शनिदेव ही देते हैं
- शनिवार के दिन सरसों का तेल, काले तिल का दान करना चाहिए
Lord Shani Dev Mantra For Good Health: हर व्यक्ति अपने ग्रह दशा सुधारने के लिए कई प्रयास करता है। ऐसे ही कुछ लोगों की कुंडली में शनि दशा खराब होती है। मान्यता है कि ऐसे में शनिदेव की पूजा करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। शनिदेव को न्याय का देवता कहा जाता है। शनिवार का दिन शनि देव को समर्पित होता है। ज्योतिष के अनसार मनुष्य के शुभ और अशुभ कर्मों का फल शनिदेव ही देते हैं। शनिवार के दिन सरसों का तेल, काले तिल का दान करना चाहिए। मान्यता है कि कि इस दिन दान करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं और व्यक्ति की ग्रह दशा में भी सुधार होता है। इसके अलावा कुछ मंत्रों का भी जाप करने से शनिदेव की कृपा हमेशा बरसती है और जीवन की सभी बाधाएं खत्म होने लगती हैं। आइए जानते हैं उन मंत्रों के बारें में...
Also Read: Jyeshtha Month 2022: ज्येष्ठ माह में जरूर करें ये काम, ग्रह दोषों से मिलेगी मुक्ति
पहला मंत्र- महामंत्र
ॐ निलान्जन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम।
छायामार्तंड संभूतं तं नमामि शनैश्चरम॥
ये शनिदेव को प्रसन्न करने का महामंत्र है। इस मंत्र से शनिदेव प्रसन्न होते हैं और मनोवांछित फल देते हैं। इस मंत्र को हर रोज स्नान करने के बाद 108 बार रुद्राक्ष की माला के साथ जाप करना चाहिए।
दूसरा मंत्र- वैदिक मंत्र
ऊँ शन्नोदेवीर-भिष्टयऽआपो भवन्तु पीतये शंय्योरभिस्त्रवन्तुनः।
यदि किसी व्यक्ति पर शनि की महादशा है तो इस मंत्र के जाप से इस महादिशा से मुक्ति मिल सकती है। इसे साथ ही व्यक्ति को सभी पापों से मुक्ति मिल जाएगी। इस मंत्र का भी जाप 108 बार करना है।
Also Read: हवन में देवताओं का प्रतीक होती है सुपारी, यमदेव, वरुण देव और इंद्र देव का होता है वास
तीसरा मंत्र- गायत्री मंत्र
ऊँ भगभवाय विद्महैं मृत्युरुपाय धीमहि तन्नो शनिः प्रचोद्यात्।
ॐ शन्नोदेवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये।शंयोरभिश्रवन्तु नः।
शिव गायत्री मंत्र का जाप करने से व्यक्ति को सुख, समृद्धि की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही मानसिक शांति और संतोष की प्राप्ति होती है।
चौथा मंत्र- महामृत्युंजय मंत्र
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥
भगवान शिव का महामृत्युंजय मंत्र अकाल मृत्यु को टालने की शक्ति रखता है। जिस व्यक्ति की कुण्डली में अकाल मृत्य योग हो, उसे महामृत्युंजय जाप कराना चाहिए। इस मंत्र का रोजाना जाप करने से मृत्यु कभी भी आसपास नहीं भटक सकती।
(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)