- हिंदू शास्त्रों में भगवान विष्णु के 10 अवतारों का उल्लेख किया गया है
- जिसमें से 9 अवतार भगवान विष्णु ले चुके हैं
- भगवान विष्णु का 10वां आखिरी अवतार कलयुग में होगा
Kalki incarnation Of Lord Vishnu: हिंदू धर्म ग्रंथों में इस बात का वर्णन मिलता है कि जब-जब धरती पर पाप अन्याय बड़ा है, तब-तब भगवान विष्णु किसी न किसी रूप में धरती पर पापियों का विनाश करने के लिए प्रकट हुए हैं। वामन अवतार, भगवान नरसिंह अवतार, मत्स्य अवतार, राम अवतार व भगवान श्री कृष्ण अवतार ये सभी इस बात का प्रमाण हैं। हिंदू शास्त्रों में भगवान विष्णु के 10 अवतारों का उल्लेख किया गया है। जिसमें से 9 अवतार भगवान विष्णु लें चुके हैं। वहीं 10 वां वा आखिरी अवतार भगवान विष्णु का कलयुग में होगा। इसमें भगवान कल्कि के रूप में अवतार लेंगे। ऐसा माना जाता है जब कलयुग अपनी चरम सीमा पर पहुंच जाएगा तब भगवान विष्णु कल्कि के रूप में अवतार लेकर कलयुग का अंत करेंगे और धर्म युग की स्थापना करेंगे। आइए जानते हैं कल्कि अवतार का महत्व।
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कल्कि अवतार का महत्व
भगवत गीता में भगवान श्री कृष्ण ने कहा है कि जब-जब धर्म की हानि होती है, अधर्म और पाप का बोलबाला होता है तब तक धर्म की स्थापना के लिए भगवान अवतार लेते हैं। श्रीमद्भागवत पुराण के 12वीं स्कंध में लिखा है कि भगवान का कल्कि अवतार कलयुग के अंत और सतयुग के संधि काल में होगा। शास्त्रों की मानें तो भगवान राम व श्रीकृष्ण का अवतार अपने-अपने युगों के अंत में हुआ था इसलिए जब कलयुग का अंत निकट आ जाएगा तब भगवान विष्णु कल्कि के अवतार में जन्म लेंगे।
ऐसे लेंगे भगवान विष्णु अवतार
श्रीमद्भागवत-महापुराण के 12वे स्कंद में एक श्लोक लिखा है। जिसमें बताया गया है कि भगवान विष्णु कल्कि का अवतार कहां लेंगे।
सम्भलग्राममुख्यस्य ब्राह्मणस्य महात्मनः।
भवने विष्णुयशसः कल्किः प्रादुर्भविष्यति।।
इस श्लोक के मुताबिक भगवान विष्णु सम्भल गांव में विष्णुयश नाम के एक ब्राह्मण के रूप में भगवान विष्णु कल्कि का अवतार लेंगे। जो अपने कर्मों से बहुत महान होंगे। उनका ह्रदय बड़ा उदार होगा। उन्हीं के घर कल्कि भगवान अवतार ग्रहण करेंगे। कहा जाता है कल्कि देवदत्त नामक घोड़े पर सवार होकर संसार के पाप को खत्म करेंगे और फिर से धर्म की स्थापना करेंगे। शास्त्रों के मुताबिक भगवान विष्णु का कल्कि अवतार श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को होगा।
(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)