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Mahabharat Facts: महाभारत का ये किरदार था रावण का पुनर्जन्म, भगवान श्री कृष्ण ने किया था वध

Updated May 15, 2020 | 22:38 IST

Mahabharat Shishupal Unknown Facts: महाभारत में कई किरदार के पीछे उनके पुनर्जन्म की कहानी जुड़ी हुई है। इनमें से एक किरदार है शिशुपाल। छेदी देश का राजा शिशुपाल श्री कृष्ण और पांडवों का भाई था।

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Mahabharat Shishupal
मुख्य बातें
  • महाभारत के सभी पात्रों के पीछे कोई न कोई रहस्य है।
  • महाभारत का एक ऐसा ही पात्र है शिशुपाल।
  • शिशुपाल भगवान श्री कृष्ण की बुआ और पंडवों की मौसी का बेटा था।

Mahabharat Facts: दुनिया के सबसे बड़े महाकाव्य और हिंदू धर्म के पवित्र ग्रंथ महाभारत के सभी पात्र अपने आप में अहम है। भीष्म पितामह, दुर्योधन से लेकर कई पात्रों की कहानी का संबंध किसी न किसी श्राप या फिर उनके पुनर्जन्म से संबंधित हैं। इनमें से एक किरदार है श्रीकृष्ण के बुआ का बेटे शिशुपाल का। 

हिंदू मान्यताओं के अनुसार शिशुपाल रावण का पुनर्जन्म था। शिशुपाल चेदी राज्य के राजा थे। वह श्री कृष्ण की बुआ का बेटा था, जिसका जन्म दमघोष कुल में हुआ था। शिशुपाल के जन्म के वक्त तीन आंख और चार भुजाएं थीं। 

शिशुपाल के माता-पिता उसका त्याग करने वाले थे। हालांकि, तभी आकाशवाणी हुई कि ये बालक काफी वीर होगा। इसकी मृत्यु उसी के हाथों से होगी जिसकी गोद में जाने से इसकी एक आंख और चार भुजाएं गायब हो जाएगी।

श्री कृष्ण ने दिया था वचन 
शिशुपाल को देखने के लिए देवकी और वसुदेव अपने दोनों बेटे श्री कृष्ण और बलराम के साथ पहुंचे। इस दौरान उनकी मां ने बारी-बारी से सभी के गोद में शिशुपाल को रखा। शिशुपाल जैसे ही श्री कृष्ण की गोद में गया तो उसकी एक आंख और भुजाएं गायब हो गई। 

शिशुपाल की मां काफी दुखी हो गईं थीं। वह श्री कृष्ण के पास गईं और आकाशवाणी के बारे में बताया। श्री कृष्ण ने अपनी बुआ से कहा कि- 'मैं जो भाग्य में लिखा है उसे बदल नहीं सकता हूं। हालांकि, मैं आपको वचन देता हूं कि इसके ऐसे 100 अपराध जो मृत्युदंड के लायक हैं उसे क्षमा कर दूंगा।'


राजसूय यज्ञ में किया था वध
इंद्रप्रस्थ के राजा बनने के बाद युधिष्ठिर ने राजसूय यज्ञ किया था। इसमें शामिल होने के लिए उन्होंने शिशुपाल को भी निमंत्रण भेजा था। शिशुपाल पांडवों का मौसेरा भाई था। इस यज्ञ में भीष्म पितामह के कहने पर पांडवों ने सबसे पहले श्री कृष्ण की अग्र पूजा की थी। शिशुपाल को ये देखकर काफी गुस्सा आ गया था। 

शिशुपाल ने सबसे पहले पितामह भीष्म का अपमना किया। इसके बाद वह लगातार श्री कृष्ण का अपमान करता रहा। श्री कृष्ण काफी देर तक सुनते रहे, जैसे ही शिशुपाल के 100 अपराध पूरे हुए तो भगवान ने अपना सुदर्शन चक्र चला दिया। शिशुपाल की मृत्यु के बाद उसके बेटे महिपाल को छेदी देश का राजा बनाया। महाभारत के युद्ध में महिपाल ने पांडवों के पक्ष से युद्ध किया। 
 

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