- नाग पंचमी का त्योहार सावन महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है
- हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल नाग पंचमी का त्योहार 2 अगस्त को मनाया जाएगा
- नाग पंचमी के दिन नाग देवता और भगवान शिव की विधि विधान से पूजा का महत्व है
Nag Panchami 2022 Date: हिंदू धर्म में सावन के महीने में पड़ने वाले त्योहारों का विशेष महत्व है। इसी महीने में नाग पंचमी का त्योहार भी मनाया जाता है। नाग पंचमी का त्योहार हर साल सावन महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल नाग पंचमी का त्योहार 2 अगस्त को मनाया जाएगा। नाग पंचमी के दिन नाग देवता और भगवान शिव की विधि विधान से पूजा का महत्व है। नाग पंचमी का त्योहार भी सावन की तरह भगवान शिव को ही समर्पित है। हिंदू धर्म में ऐसी मान्यता है कि इस दिन नाग देवता और भगवान शिव की विधि विधान से पूजा करने पर मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं नाग पंचमी का शुभ मुहूर्त व इसका महत्व, पूजा की विधि के बारे में।
शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के मुताबिक 2 अगस्त को सुबह 05:14 से पंचमी तिथि प्रारंभ होगी जो कि 3 अगस्त को सुबह 05:42 तक रहेगी। मुहूर्त की अवधि 02 घंटे 41 मिनट तक रहेगी। पूजा मुहूर्त 2 अगस्त 2022 को सुबह 5:42 AM से 8:24 सुबह तक। नाग पंचमी की शुभ मुहूर्त अवधि 02 घण्टे 41 मिनट तक होगा।
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जानिए, नाग पंचमी का महत्व
हिंदू धर्म में ऐसी मान्यता है कि नाग पंचमी के दिन नाग देवता की विधि विधान से पूजा करने से व्यक्ति सभी कष्टों से मुक्ति पाता है। इसके अलावा व्यक्ति को कालसर्प दोष से भी छुटकारा मिलता है। हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार पंचमी तिथि के स्वामी नाग है, इसलिए इस दिन नाग देवता की पूजा करने से व्यक्ति का हार कष्ट दूर होता है।
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जानिए कैसे करें पूजा
नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा करने के लिए नाग देवता की प्रतिमा रखें। इसके साथ शिव जी व माता पार्वती की प्रतिमा और श्रृंगार की सामग्री रखें। देवी देवताओं को चढ़ाने के लिए बेलपत्र, धतूरा, भांग व बेलपत्र रखें।
गाय के कच्चे दूध से सभी देवी देवताओं का जलाभिषेक करें। देवी देवताओं को पंच फल व पंचमेवा फल अर्पित करें। इसके साथ ही इस मंत्र का जाप करें - 'ऊं भुजंगेशाय विद्महे, सर्पराजाय धीमहि, तन्नो नाग: प्रचोदयात्।
(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)