- प्रभु की पूजा में पीले रंग के फूलों को चढ़ाएं
- सुबह और शाम के समय कर्पूर का धूप दिखाएं
- प्रभु को गीला और सूखा प्रसाद जरूर चढ़ाएं
भगवान जगन्नाथ की पूजा के लिए इस बार मंदिर नहीं खुलेंगे, इसलिए घर में रहकर ही आप प्रभु की नौ दिन तक विशेष पूजा करें। प्रभु की पूजा में बहुत कुछ खास करने की जरूरत नहीं, लेकिन यदि उनके प्रिय पुष्प और धूप के साथ उनका प्रिय भोग भी आप उन्हें चढ़ाएं तो वह बहुत प्रसन्न होते हैं। प्रभु जगन्नाथ की पूजा के बाद उनकी आरती और उनके विशेष मंत्र का जाप करना आपको उनके आशीर्वाद का भागी बनाएगा। इसलिए प्रभु की पूजा से जुड़ी कुछ बातें आपको जरूर जान लेनी चाहिए। पूजा के बाद नारायण या शालीग्राम की पूजा और आरती जरूर करनी चाहिए। तो आइए भगवान की पूजा के नियम और उनके प्रिय वस्तुओं के साथ भोग के बारे में भी जानें।
Bhagwan Jagannath Ki Puja : इस पुष्प से करें पुष्पांजलि
भगवान जगन्नाथ को विष्णु का ही अवतार माना गया है। भगवान विष्णु को प्रिय रंग पीला है ऐसे में प्रभु जगन्नाथ की पूजा में भी पीले पुष्प का प्रयोग करना चाहिए। प्रभु को गेंदे के पुष्प बेहद प्रिय है और इसी पुष्प से भगवान की पुष्पांजलि और श्रृंगार करें।
Bhagwan Jagannath Ki Puja : पंचदीप से करनी चाहिए आरती
भगवान जगन्नाथ हमेशा पंचदीप से करें। भगवान की आरती कभी भी एक दीप से नहीं की जानी चाहिए।
उनकी आरती में पांच दीप यानी पंचप्रदीप का होना जरूरी है। साथ ही दीप जला कर "एतस्मै नीराजन दीपमालाएं नमः" का जाप करना चाहिए। इसके बाद आचमनी जल छिड़के और पुष्प लेकर "एष नीराजन दीपमालाएं ॐ नमः नारायणाय नमः" मंत्र उच्चारण यथा शक्ति जितना हो सके जाप करें।
Bhagwan Jagannath Ki Puja : इस धूप की खुशबू से प्रसन्न होते हैं प्रभु
भगवान का प्रिय धूप कर्पूर है। इसलिए पूरे नौ दिन प्रभु को केवल कर्पूर का ही धूप देना चाहिए। प्रभु को यह सुगंध बेहद प्रिय होती है। सूर्यास्त से पहले एक बार आरती जरूर करें और फिर शाम को संध्या आरती करें।दोनों ही आरती में कपूर के धूप जरूर जलाएं।
Bhagwan Jagannath Ki Puja : भोग में प्रभु को चढ़ाएं ये पकवान
जगन्नाथ पुरी की रथयात्रा में मिलने वाला महाप्रसाद दो तरह का होता है। एक प्रसाद सूखा होता है और दूसरा गीला। सूखे प्रसाद में नारियल, लड्डू या सूखी मिठाई शामिल होती हैं और गीले प्रसाद में चावल, साग और सब्जी शामिल होती है। साथ में मालपुए का भोग जरूर लगता है। नौ दिन में प्रभु को इनमें से रोज एक प्रसाद का भोग लगाएं।
प्रभु जगन्नाथ की रथयात्रा का उत्सव इस बार कोरोना संक्रमण के कारण नहीं हुआ, लेकिन आप घर में प्रभु के विशेष उत्सव को मना सकते हैं।