- रक्षा बंधन के वक्त शुभ मुहूर्त का ध्यान रखा जाता है
- भद्राकाल को अशुभ माना जाता है इसलिए राखी नहीं बांधी जाती
- राखी बांधने का शुभ मुहूर्त सुबह 9:28 के बाद से है
नई दिल्ली: भाई बहन का महापर्व रक्षाबंधन (Raksha Bandhan 2020) आज देशभर में धूमधाम से मनाया जा रहा है। रक्षाबंधन का त्योहार श्रावण मास के शुक्ल पक्ष पूर्णिमा को मनाया जाता है। आज के इस खास दिन पर सभी बहनें अपने-अपने भाइयों के कलाइयों पर राखी बांधती हैं। इस शुभ पर्व पर भद्रा काल में राखी बांधना बेहद अशुभ होता है। रक्षाबंधन पर राखी हमेशा शुभ मुहूर्त में ही बांधी जाती है और भद्रा काल से परहेज किया जाता है।
शास्त्रों के मुताबिक भद्रा काल में राखी बांधना अशुभ होता है क्योंकि भद्रा में शुभ कार्य करना वर्जित माना जाता है। भाई और बहन के स्नेह का ये पवित्र बंधन बहुत ही शुभ मुहूर्त में बांधने से भाई दीर्घायु होता है। ज्योतिष के जानकार सुजीत जी महाराज के मुताबिक भद्रा काल में राखी नहीं बांधी जाती। रक्षा बंधन के पर्व पर भद्रा की साया रहती है लेकिन इस बार भद्रा सुबह दिन में सुबह 08:28 तक ही रहेगी। इसके बाद 9 बजे तक राहु काल रहेगा। इसलिए 09: 28 के बाद बाद राखी बांधी जा सकती है
क्यों है भद्रा में राखी बांधने की मनाही
पौराणिक कथाओं के मुताबिक रक्षाबंधन के दिन रावण की बहन सुर्पनखा ने भद्रा काल में उसको राखी बांधी थी। कहा जाता है कि यही कारण है कि रावण की मृत्यु हुई और उसका विनाश हो गया। इसलिए इस समय को छोड़कर ही बहनें अपने भाई के राखी बांधती हैं। राखी कोई सामान्य बंधन नहीं है। इस बंधन के पीछे शुभ मुहूर्त का महत्व है।
भद्रा से जुड़ी है पौराणिक कथाएं
भाई और बहन दोनों के जीवन से संबंध है इसलिए भद्रा मुक्त समय में राखी बांधनी चाहिए। यह भी मान्यता है कि पुराणों के अनुसार भद्रा काल में भगवान शिव तांडव कर रहे होते हैं और वे काफी गुस्से में होते हैं। इसलिए इस मौके पर भगवान शिव की प्रसन्नता आवश्यक है। तांडव नृत्य में सृष्टि का संतुलन देखना आवश्यक होता है तो ऐसी स्थिति में अगर राखी बांधी जाएगी तो यह अशुभ होगा। इसलिए भद्रा काल में राखी नहीं बांधी जाती है। उस अवधि के खत्म होने के पश्चात ही राखी बांधी जाती है। पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक भद्रा शनि महाराज की बहन है। उन्हें ब्रह्माजी जी ने शाप दिया था कि जो भी व्यक्ति भद्रा में शुभ काम करेगा, उसका परिणाम अशुभ ही होगा। इसके अलावा राहुकाल में भी राखी नहीं बांधी जाती और भद्रा काल को भी अशुभ माना जाता है।
रक्षा बंधन 2020 शुभ मुहूर्त (Raksha Bandhan 2020 Shubh Muhurat)
रक्षा बंधन की तिथि इस साल पूर्णिमा तिथि 3 अगस्त को सुबह 9:28 बजे शुरू होती है और 3 अगस्त को रात 9:30 बजे समाप्त होगी। रक्षा बंधन या राखी के त्योहार के दिन सुबह 9:28 बजे से रात 9:17 बजे के बीच कभी भी सूत्र बांधा जा सकता है। हालांकि, पवित्र धागा बांधने का सबसे अच्छा समय अपर्णा मुहूर्त के दौरान है जो दोपहर 1:48 बजे से शाम 4:29 बजे तक रहेगा। अगर आप अपर्णा मुहूर्त को ध्यान में रख रहे हैं तो एक खास समय को चुन सकते हैं जो कि लगभग 7:10 बजे शुरू होता है और 9:17 बजे तक चलेगा।
इस समय राखी नहीं बांधे
लोगों को भद्रा काल से बचना चाहिए, जो आमतौर पर पूर्णिमा के पहले दिन में पड़ता है।
भद्रा पंच - प्रातः 5:16 से प्रातः 6:28 तक।
भद्रा मुख: प्रातः 6:28 से प्रातः 8:28 तक।
भद्रा सुबह 9:28 बजे समाप्त होगी। इसलिए 9 बजकर 28 मिनट के बाद राखी बांधने का शुभ मुहूर्त है।