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Angarki Sankashti Date July 2021: सावन मास का पहला संकष्टी चतुर्थी व्रत, जानें मंत्र, व‍िध‍ि और चांद का समय

Updated Jul 27, 2021 | 06:48 IST

Angarki Sankashti 2021 July Date: सावन मास की पहली संकष्टी चतुर्थी इस वर्ष 27 जुलाई के दिन पड़ रही है। मंगलवार पर पड़ने के चलते यह व्रत अंगारकी चतुर्थी के नाम से जाना जाता है।

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Angarki chaturthi vrat 2021 july (Pic: Istock)
मुख्य बातें
  • हर माह की चतुर्थी तिथि संकष्टी चतुर्थी के नाम से जानी जाती है, इस वर्ष सावन मास की संकष्टी चतुर्थी 27 जुलाई के दिन पड़ रही है।
  • सावन मास की संकष्टी चतुर्थी को गजानन संकष्टी चतुर्थी के नाम से जाता है, इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने से भक्तों के सभी संकट दूर हो जाते हैं।
  • इस वर्ष सावन मास की संकष्टी चतुर्थी मंगलवार के दिन पड़ रही है, इस दिन गणेश जी की पूजा करने से मंगल दोष समाप्त हो जाता है।

Angarki Sankashti 2021 July Date: सावन मास शिव भक्तों के लिए बहुत लाभकारी माना गया है। इस माह में पड़ने वाली शुभ तिथियां पूजा-आराधना के लिए बहुत अनुकूल होती है। इस वर्ष सावन मास का पहला संकष्टी चतुर्थी व्रत 27 जुलाई को पड़ रहा है। हर मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को संकष्टी चतुर्थी के नाम से जाना जाता है।

सावन मास में पड़ने वाले संकष्टी चतुर्थी व्रत को गजानन संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है। यह व्रत मंगलवार के दिन पड़ रहा है इसीलिए इस व्रत को अंगारकी व्रत कहा जा रहा है। मान्यताओं के अनुसार, यह व्रत करने वाले भक्तों के मंगल दोष खत्म हो जाते हैं। इस दिन गजानन संकष्टी चतुर्थी व्रत के साथ मंगला गौरी व्रत भी रखा जाएगा। इसीलिए सावन मास की चतुर्थी तिथि बेहद शुभ मानी जा रही है। 

Angarki Sankashti 2021 July, गजानन संकष्टी चतुर्थी व्रत जुलाई 2021 का 


Angarki chaturthi July 2021 Tithi, अंगारकी चतुर्थी तिथि: - 27 जुलाई 2021, मंगलवार 

चतुर्थी तिथि प्रारम्भ - 27 जुलाई 2021 सुबह 02:54

चतुर्थी तिथि समाप्त - 28 जुलाई 2021 सुबह 02:28

Angarki Sankashti 2021 July Moon rise time, संतष्टी चतुर्थी पर चंद्रोदय: - 27 जुलाई 2021 रात 09:50 


गजानन संकष्टी चतुर्थी के लिए मंत्र 

गजानन संकष्टी चतुर्थी पर मंत्रों का जाप करना भगवान गणेश के भक्तों के लिए बहुत लाभदायक माना गया है। सावन का यह पहला संकष्टी चतुर्थी व्रत है और इस दिन भगवान गणेश की पूजा से भक्तों के कष्ट दूर होते हैं। मान्यताओं के अनुसार, इस दिन गणेश जी की पूजा करने से भगवान शिव भी प्रसन्न होते हैं। 

यहां जानें भगवान गणेश की आराधना के लिए मंत्र 


ॐ गं गणपतये नम:

वक्रतुण्ड महाकाय कोटिसूर्य समप्रभ। 
निर्विघ्नं कुरू मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा।।

ॐ एकदन्ताय विद्धमहे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दन्ति प्रचोदयात्॥

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