- सावन मास में शिव चतुर्दशी का विशेष महत्व माना गया है
- इस दिन भगवान शिव को बेलपत्र के साथ शमी के पत्ते भी चढ़ाने चाहिए
- शिवजी के साथ शिव परिवार और शिवगण की पूजा भी करनी चाहिए
हर माह आने वाली चतुर्दशी भगवान शिव को समर्पित होती है और सावन मास शिवजी का विशेष प्रिय महीना होता है इसलिए इस चतुर्दशी का महत्व और भी बढ़ जाता है। 18 जुलाई को शिव चतुर्दशी पड़ रही है। इस दिन भक्त भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए चतुर्दशी का व्रत रखते हैं और शिव की पूजा कर मनोवांछित फल भी पाते हैं। पुराणों के अनुसार इस दिन व्रत को करने से मनुष्य काम, क्रोध, लोभ, मोह आदि के बंधन से मुक्त हो जाता है और शिव का परम भक्त बनता है। शिव चतुर्दशी व्रत में शिवजी के साथ देवी पार्वती, गणपति और कार्तिकेय के साथ ही शिवगणों की पूजा भी की जाती है। सावन मास में शिव चतुर्दशी के दिन मध्य रात्रि में एक मंत्र पढ़ने भर से आपकी सारी मनोकामनाएं पूर्ण हो सकती हैं। इसलिए इस दिन भक्तों जागरण जरूर करना चाहिए।
Sawan Shivratri, Shiv Chaturdashi Puja : जानें कैसे करें शिव चतुर्दशी की पूजा
शिव चतुर्दशी के दिन दूग्ध मिश्रित जल से शिवलिंग की पूजा करनी चाहिए। इसके बाद शिवलिंग पर 21 बेलपत्र, शमी के पत्ते, कुश और दूब चढ़ना चाहिए। भगवान शिव को दूब भी बेहद प्रिय होता है। इसके बाद भांग, धतूरा तथा श्रीफल भोलेनाथ को भोग के रुप में चढ़ाएं। इस भोग को भक्तों और गरीबों में बांट दें। इस दिन व्रत रखें और चतुर्दशी की कथा सुनें और भगवान शिव के भजन करते रहें।
Sawan Shivratri, Shiv Chaturdashi Vrat Vidhi and Niyam : जानें क्या है व्रत की विधि और नियम
शिव चतुर्दशी का व्रत करने वाले को केवल एक समय भोजन करना चाहिए। सुबह व्रत का संकल्प लेकर धूप, दीप पुष्प आदि से शिव जी की विधिवत पूजा करें और उसके बाद शिवजी का अभिषेक कर चढ़वा चढ़ाएं। खास कर भांग, धतूरा और बेलपत्र जरूर चढ़ाएं। जो भी श्रद्धाभाव से शिव चतुर्दशी का व्रत करते हैं उनके माता- पिता के भी भी कष्ट दूर हो जाते हैं और जीवन के सम्पूर्ण सुखों की उसे प्राप्ति होती है। इस व्रत करने वाले को दीर्घायु, ऐश्वर्य, आरोग्य, संतान एवं विद्या आदि प्राप्त होती है।
Sawan Shivratri, Shiv Chaturdashi Mantra : मनोकामना पूरी करने के लिए मध्य रात्रि में करें इन मंत्रों का जाप
“शंकराय नमसेतुभ्यं नमस्ते करवीरक
त्र्यम्बकाय नमस्तुभ्यं महेश्र्वरमत: परमनमस्तेअस्तु
महादेवस्थाणवे च ततछ परमू
नमः पशुपते नाथ नमस्ते शम्भवे नमः
नमस्ते परमानन्द नणः सोमार्धधारिणे
नमो भीमाय चोग्राय त्वामहं शरणं गतः”
शिव चतुर्दशी के दिन शिवजी की पूजा करने से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। शिव जी के साथ उनके पूरे परिवार व नंदी का पूजन भी करें।