- प्रदोष व्रत हर मास में दो बार आता है।
- शुक्र प्रदोष के दिन शिव जी की पूजा करने से बाधाएं दूर होती हैं।
- मनोकामना की पूर्ति के लिए शिव-पार्वती का पूजन फलदायी होता है।
Shukra Pradosh Vrat ke Ke Upay : हिंदू पंचांग के अनुसार आज यानी 20 अगस्त को सावन मास का आखिरी प्रदोष व्रत है। चूंकि ये शुक्रवार के दिन पड़ा है इसलिए इसे शुक्र प्रदोष भी कहा जाता है। प्रदोष व्रत हर मास में दो बार आता है। हर पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत होता है। इस दिन भगवान भोलेनाथ की आराधना करने से व्यक्ति के कष्ट दूर होते हैं। इस दिन महिलाओं को शिव परिवार का पूजन करना चाहिए। इससे उन्हें सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
त्रयोदशी तिथि का प्रारंभ 19 अगस्त को देर रात 12 बजकर 24 मिनट से हुआ है, जो 20 अगस्त को रात 10 बजकर 20 मिनट तक रहेगी। प्रदोष पूजा के लिए सबसे उत्तम समय शाम को 06 बजकर 40 मिनट से रात 08 बजकर 57 मिनट तक रहेगा। ऐसे में आपको भगवान शिव की आराधना के लिए करीब 02 घंटे 17 मिनट का समय प्राप्त होगा। प्रदोष व्रत सुख, समृद्धि और शांति की प्राप्ति एवं निरोगी काया के लिए रखा जाता है।
शुक्र प्रदोष के उपाय
- शिव जी की कृपा पाने के लिए शुक्र प्रदोष के दिन स्नान के बाद गुलाबी या सफेद रंग के कपड़े पहनें। ऐसा करने से शुक्र ग्रह मजबूत होता है। इससे पैसों की दिक्कत दूर होगी। साथ ही जीवन में तरक्की के नए रास्ते खुलेंगे।
- शुक्र प्रदोष की शाम को भगवान शिव और देवी पार्वती की आराधना करें। रुद्रक्ष की माला से "ॐ उमामहेश्वराभ्याम नमः" मंत्र का 108 बार जाप करें। आप चाहे तो जाप के बाद माला को गले में धारण कर सकते हैं। ऐसा करने से घर में आने वाले सभी बाधाएं दूर होंगी।
- वैवाहिक जीवन में खुशहाली लाने के लिए शुक्र प्रदोष के दिन पति-पत्नी को 11 गुलाबी रंग के फूलों की माला बनाकर भगवान शिव को अर्पित करनी चाहिए। इससे पति-पत्नी के संबंधों में मधुरता आती है।
- शुक्र प्रदोष की शाम को सफेद चंदन को गंगाजल में मिलाकर शिवलिंग पर लगाएं। ऐसा करने से शुक्र दोष समाप्त होता है तथा रोगों से मुक्ति मिलती है।
- अगर किसी के विवाह में बाधाएं आ रही हो उन्हें शुक्र प्रदोष के दिन लाल चंदन की माला से "ॐ गौरीशंकराय नमः" मंत्र का जाप करना चाहिए, इससे समस्याओं से छुटकारा मिलेगा।