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पापों से मुक्ति और शत्रुओं का होता है विनाश, जानिए मंगलवार के व्रत का महत्व, पूजा विधि और कैसे करें उद्यापन

Updated Jan 26, 2021 | 15:32 IST

मंगलवार का व्रत सम्मान, बल, साहस, और पुरुषार्थ को बढ़ाता है और संतान प्राप्ति के साथ संतान संबंधी सभी परेशानियों को दूर करता है। साथ ही इस व्रत से जादु, टोना और काली शक्तियों से भी बचा जा सकता है।

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मंगलवार को हनुमान जी की पूजा विधि।
मुख्य बातें
  • मंगलवार का व्रत शुभ फल प्रदान करता है
  • इस दिन हनुमान जी की अराधना की जाती है
  • मंगलवार का व्रत रहने से कुंडली में मंगल ग्रह के निर्बल होने का प्रभाव बदल जाता है और शुभ लाभ प्राप्त होता है

नई दिल्ली: पवनपुत्र भगवान हनुमान जी के भक्त मंगलवार के अवसर पर व्रत रहते हैं। मान्यताओं के अनुसार मंगलवार का व्रत रहने से कुंडली में मंगल ग्रह के निर्बल होने का प्रभाव बदल जाता है और शुभ लाभ प्राप्त होता है। शनि की महादशा और साढ़े साती को दूर करने के लिए भी यह व्रत बहुत लाभकारी है।

मंगलवार का व्रत सम्मान, बल, साहस, और पुरुषार्थ को बढ़ाने वाला होता है। काफी लोग संतान प्राप्ति या संतान संबंधी परेशानियों को दूर करने के लिए भी इस दिन व्रत रखते हैं। इस व्रत के फलस्वरूप पापों से मुक्ति मिलती है और शत्रुओं का विनाश होता है। साथ ही जादु, टोना और काली शक्तियों से भी बचा जा सकता है। आइए जानते हैं कब से करें मंगलवार के व्रत का आरंभ और इस व्रत की पूजा विधि और उद्यापन के बारे में।

व्रत का आरंभ

मंगलवार के व्रत का आरंभ किसी भी महीने के शुक्ल पक्ष के पहले मंगलवार से करना शुभ माना जाता है। यदि आप मंगलवार के व्रत का आरंभ करते हैं तो आप 21 या 45 मंगलवार का व्रत रखें। शास्त्रों के अनुसार ऐसा करना शुभ माना जाता है और इस व्रत के दौरान आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी। कई लोग मंगलवार का व्रत आजीवन भी रहते हैं।

व्रत की पूजा विधि

मंगलवार को व्रत रखने के लिए सबसे पहले इस दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान आदि कर निवृत होकर लाल वस्त्र धारंण करें। कोशिश करें कि आपने जो लाल वस्त्र पहना है वह सिला हुआ ना हो। इस दिन व्रत के दौरान आप मंदिर व घर दोनों में से कहीं पर भी पूजा कर सकते हैं। यदि आप घर में पूजा करते हैं, तो ईशान कोण को साफ कर यहां पर एक चौकी रख उस पर लाल वस्त्र बिछाएं। फिर उस पर हनुमान जी की मूर्ति स्थापित करें और वहीं पर भगवान श्री राम और माता सीता की भी प्रतिमा अवश्य स्थापित करें।

इसके बाद हाथ में जल लेकर आप जितने मंगलवार का व्रत रखेंगे उसका संकल्प लें और भगवान हनुमान जी से प्रार्थना करें की हमें कष्टों से मुक्त कराएं और सभी मनोकामनाएं पूर्ण करें। इसके बाद घी का दीपक या धूप दीप जलाकर पहले भगवान श्री राम और माता सीता की आरती करें, फिर हनुमान जी की पूजा करें औऱ उन्हें लाल फूल, लाल वस्त्र, लाल सिंदूर और चमेली के तेल की सीसी बजरंगबली के सामने रख दें या मूर्ति पर हल्का सा लगा दें।
इसके बाद हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ कर आरती करें और भगवान को गुड़ केले और लड्डू का भोग लगाएं और प्रसाद को परिवार के सभी सदस्यों में वितरित करें। व्रत को लेकर ध्यान रहे कि आपको इस व्रत में केवल एक बार शाम से पहले भोजन करना है। इस दौरान आप भोजन करते समय मीठा भोजन करें उसमें नमक नाम मात्र का भी नहीं होना चाहिए। दिन में आप दूध, केले यानि सभी मीठे फलाहार वाली चीजें खा सकते हैं।

महिलाएं भी रख सकती हैं हनुमान जी का व्रत

महिलाओं के मन में हनुमान जी के व्रत को लेकर संदेह बना रहता है। लेकिन हिंदु धर्मग्रंथों के अनुसार महिलाएं भी हनुमान जी का व्रत रख सकती हैं। किसी भी ग्रंथ, शास्त्र या पुराण में महिलाओं द्वारा हनुमान जी की पूजा नहीं करने के विषय में नहीं लिखा गया है। लेकिन व्रत औऱ पूजा के दौरान कुछ बातों पर विशेष ध्यान रखें। महिलाएं हनुमान जी को लाल वस्त्र या सिंदूर ना चढ़ाएं क्योंकि हनुमान जी ब्रम्हचारी थे। साथ ही वह अपने शुद्ध दिनों में ही हनुमान जी की पूजा करें।  

व्रत के दौरान इस पर रखें ध्यान

यदि आप हनुमान जी का व्रत रखते हैं तो हमेशा के लिए अपने जीवनकाल में मांस मदिरा का सेवन करना छोड़ दें औऱ अपने आचार-विचार को स्वच्छ रखें। व्रत के दिन गरीबों में अपनी आवश्यकता अनुसार दान अवश्य करें और घर के आसपास या कहीं पर बंदर दिखें तो उन्हें केले खिलाएं। इससे आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी।

ऐसे करें व्रत का उद्यापन

व्रत के शुरुआती मंगलवार को लिए गए संकल्प के दौरान 21 वें या 45 वें मंगलवार को आप व्रत का उद्यापन कर सकते हैं। इस दिन विधि विधान से हनुमान जी की पूजा करें और लाल वस्त्र अवश्य चढ़ाएं। साथ ही इस दिन हवन भी जरूर करें और ब्राम्हणों को भोजन करा कर दान भी दें।
 

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