- विनायक चतुर्थी के दिन भूलकर भी चंद्र दर्शन न करें
- विनायक चतुर्थी पर चंद्र दर्शन करने से लगता है ये आरोप
- विनायक चतुर्थी पर हो जाए चंद्र दर्शन तो इस मंत्र का करें जाप
Vinayak Chaturthi Moon Sighting: हर माह पड़ने वाली चतुर्थी का दिन भगवान गणेश को अतिप्रिय होता है। वैसे तो हर माह दो चतुर्थी तिथि होती है, जिसमें कृष्ण पक्ष को संकष्टी चतुर्थी और शुक्ल पक्ष को विनायक चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। दोनों ही चतुर्थी तिथि पर भगवान गणेश की विधि-विधान से पूजा अराधना की जाती है और व्रत रखा जाता है। लेकिन संकष्टी और विनायक चतुर्थी के नियम अलग-अलग होते हैं। वहीं विनायक चतुर्थी पर चंद्रदर्शन पूरी तरह से निषेध होता है। मान्यता है कि इस दिन चंद्र दर्शन करने से जीवनभर के लिए झूठा कलंक लग जाता है। जानते हैं क्या है इस दिन चंद्र दर्शन न करने की मान्यता..
इस कारण विनायक चतुर्थी पर नहीं करना चाहिए चंद्र चर्शन
पौराणिक मान्यता के अनुसार, ऐसा कहा जाता है कि जब भगवान गणेश को हाथी का मुख लगाया गया तो चंद्रदेव गणेशजी की स्तुति पर मंद-मंद मुस्कुराते रहे। चंद्रदेव को अपने सौंदर्य पर अभिमान हो गया था। गणेश जी इससे क्रोधित हो गए और उन्होंने चंद्रमा को श्राप दिया कि आज से तुम काले हो जाओगे। हालांकि बाद में चंद्रमा को अपनी भूल का आभास हुआ और उन्होंने गणेश जी से माफी मांगी। तब गणेश जी बोले कि सूर्य का प्रकाश पाकर तुम एक दिन पूर्ण हो जाओगे। लेकिन चतुर्थी का यह दिन (विनायक चतुर्थी) तुम्हें दंड देने के लिए हमेशा याद किया जाएगा। कहा जाता है कि, गणेश जी ने भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी यानी गणेश चतुर्थी के दिन ऐसा श्राप दिया था कि इस दिन जो व्यक्ति तुम्हारे दर्शन करेगा, उस पर जीवनभर के लिए झूठा आरोप लगेगा।
वहीं एक मान्यता यह भी है कि भगवान श्रीकृष्ण ने भी चतुर्थी के दिन चंद्रदर्शन किए थे, जिस कारण उनपर स्यमंतक मणि चुराने का आरोप लगा था।
क्या करें अगर चतुर्थी पर दिख जाए चांद
अगर विनायक या गणेश चतुर्थी के दिन भूलवश चंद्र दर्शन हो जाए तो आप इस मंत्र का जाप करें। इससे दोष मुक्त हो जाता है।
सिंहः प्रसेन मण्वधीत्सिंहो जाम्बवता हतः।
सुकुमार मा रोदीस्तव ह्मेषः स्यमन्तकः।।
(डिस्क्लेमर: यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)