- कन्या संक्रांति के दिन हर साल विश्वकर्मा पूजा मनाई जाती है
- यह पूजा खासकर ऑफिस, औद्योगिक जगहों पर बड़ी धूमधाम से की जाती है
- भगवान विश्वकर्मा को निर्माण एवं सृजन करता देवता माना जाता है
Vishwakarma Puja 2021 Date, Puja Vidhi, Muhurat, Samagri, Mantra: 2021 में विश्वकर्मा जयंती 17 सितंबर (vishwakarma puja date and time) को मनाई जाएगी। हिंदू शास्त्र के अनुसार यह पर्व हर साल कन्या संक्रांति के दिन मनाया जाता है। मान्यताओं के अनुसार भगवान विश्वकर्मा को ही सृष्टि के सृजन का दायित्व दिया गया था। यह पूजा ज्यादातर कार्यालय और औद्योगिक जगह पर धूमधाम के साथ मनाई जाती है। मान्यताओं के अनुसार भगवान विश्वकर्मा की पूजा-अर्चना श्रद्धा के साथ करने से घर और कारोबार में तरक्की होती हैं।
यदि आप भी विश्वकर्मा पूजा करते है, तो विश्वकर्मा पूजा करने की विधि को जरूर जानें। शास्त्र के सही विधि से पूजा करने से भगवान बहुत जल्दी प्रसन्न होते हैं और हर मनोकामना को पूर्ण करते हैं।
Vishwakarma Puja 2021 Puja Vidhi, विश्वकर्मा जयंती पूजा विधि
- विश्वकर्मा पूजा के दिन सुबह-सुबह उठकर स्नान कर खुद को पवित्र करें।
- बाद में स्वच्छ वस्त्र धारण कर पूजा स्थल को गंगाजल छिड़क कर साफ करें।
- अब एक चौकी पर पीले रंग का कपड़ा बिछाकर उस पर लाल रंग के कुमकुम से स्वास्तिक बनाएं।
- बाद में भगवान गणेश का ध्यान करते हुए उन्हें प्रणाम करते हुए स्वास्तिक पर फूल अर्पित करें।
- अब चौकी पर भगवान विष्णु और ऋषि विश्वकर्मा जी की प्रतिमा को स्थापित करें। अब प्रतिमा के सामने दीप जलाएं।
- बाद में भगवान विष्णु और ऋषि विश्वकर्मा जी के प्रतिमा पर तिलक लगाएं।
- अब विश्वकर्मा जी और विष्णु जी को प्रणाम करते हुए उनका मन से स्मरण करें। प्रार्थना करने के बाद विश्वकर्मा जी का मंत्र 108 बार जाप करें।
- पूजा करने के बाद भगवान की आरती करें। जब आरती हो जाए, तो भगवान को फल और मिठाई का भोग लगाएं।
- पूजा समाप्त होने पर सभी लोगों को प्रसाद जरूर दें।
vishwakarma puja mantra hindi
भगवान विश्वकर्मा जी का एक मंत्र है। इसके बिना विश्वकर्मा जी की आरती और पूजन पूरा नहीं माना जाता है। ये मंत्र है :
ओम आधार शक्तपे नम: और ओम् कूमयि नम:; ओम् अनन्तम नम:, पृथिव्यै नम:
इस मंत्र जाप के बाद पूजा विधिवत पूरी करें और अंत में भगवान विश्वकर्मा जी की आरती भी जरूर करें।