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Ram Mandir Bhumi Pujan Muhurat : अभिजीत मुहूर्त में हुआ श्रीराम मंदिर का श‍िलान्‍यास, जानें राम जी से संबंध

Updated Aug 05, 2020 | 12:14 IST

Ram temple bhoomi pujan muhurta: रामजन्म भूमि पूजन अभिजीत मुहूर्त में होगा और इसके पीछे कारण भी भगवान श्रीराम से ही जुड़ी है। जानें क्यों होता है ये मुहूर्त बेहद खास और शुभ।

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The foundation stone of Shri Ram temple is being laid on Abhijeet Muhurta, अभिजीत मुहूर्त पर श्री राम मंदिर की आधारशिला रखी जा रही है
मुख्य बातें
  • अभिजीत मुहूर्त में हुआ था भगवान श्रीराम का जन्म
  • हर दिन अभिजीत मुहूर्त में किए जा सकते हैं शुभ कार्य
  • अभिजीत महूर्त प्रतिदिन आठवे पहर में आता है

5 अगस्त हिन्दू धर्म के लिए ऐतिहासिक दिनबनने जा रहा है। भगवान रामचंद्र की जन्मस्थली पर भव्य मंदिर के निर्माण के लिए भूमि पूजन हो रहा है और इस भूमि पूजन के लिए अभिजीत मुहूर्त का चयन किया गया है क्योंकि ये मुहूर्त भगवान श्री राम के जन्म से जुड़ी हुई है। राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन की तैयारी में अपराजिता के नीलेे फूलों का भी प्रयोग होगा क्योंकि ये फूल भगवान को बेहद प्रिय है। जन्म भूमि के पूजन में बागवान से जुड़ी वस्तुओं के साथ समय का भी विशेष ध्यान दिया गया है। तो आइए जानें कि भगवान श्रीराम से अभिजीत मुहूर्त कैसे जुड़ा है और उनका विवाह कब हुआ था।

इसलिए चुना गया अभिजीत मुहूर्त

भगवान श्रीराम के जन्मभूमि पर मंदिर के भूमि पूजन के लिए अभिजित मुहूर्त का चयन खास कारण से हुआ है, क्योंकि श्री राम का जन्म अभिजीत मुहूर्त में ही हुआ था। भगवान राम का जन्म चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को अभिजित मुहूर्त में हुआ था। चैत्र नवरात्र की इस अंतिम तिथि को रामनवमी के रूप में मनाया जाता है। जबकि प्रभु श्रीराम का राज्याभिषेक विजय मुहूर्त में विजयदशमी पर हुआ था। मान्यता है कि अभि‍जीत मुहूर्त में जो भी काम किया जाता है उसपर देवताओं का आशीर्वाद होता है और ये मुहूर्त ऐसा है जिसमें कभी भी कोई शुभकार्य किया जा सकता है।

जानें, भगवान राम और माता सीता की विवाह तिथि

श्रीराम और सीता माता का विवाह मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को हुआ था। हिंदू धर्मशास्त्रों में इस दिन को विवाह पंचमी के नाम से भी जाना जाता है।

क्या होता है अभिजीत मुहूर्त?

अभिजीत मुहूर्त को आठवां मुहूर्त भी कहा जाता है। अभिजीत महूर्त प्रतिदिन आठवे पहर में आता है। यानि हर रोज का आठवां पहर सर्वसिद्धिदायक इसे ही अभिजीत मुहूर्त कहते है। अभिजीत मुहूर्त हर दिन मध्यान्ह ( 11.45 से 12.45) से करीब 24 मिनट पहले प्रारम्भ होकर मध्यान्ह के 24 मिनट बाद समाप्त हो जाता है। हालांकि अभिजीत मुहूर्त का वास्तविक समय सूर्योदय के अनुसार परिवर्तित होता रहता है।

प्रत्येक दिन का मध्य-भाग (अनुमान से 12 बजे) अभिजीत मुहूर्त कहलाता है, जो मध्य से पहले और बाद 48 मिनट का होता है। दिनमान के आधे समय को स्थानीय सूर्योदय के समय में जोड़ दें तो मध्य काल स्पष्ट हो जाता है।इस मुहूर्त में किए जाने वाले सभी कार्य सफल होते हैं और व्यक्ति को विजय प्राप्त होती है।

अभिजीत मुहूर्त होता है सर्वार्थ सिद्धि

अभिजीत मुहूर्त में सर्वार्थ सिद्धि योग होता है इसलिए आज इस समय ही भूमि पूजन होगा। बात दें कि  श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास लगभग 40 किलो चांदी की ईंट श्रीराम शिला को समर्पित करेंगे। पीएम नरेन्द्र मोदी इस शिला का पूजन कर इसे स्थापित करेंगे।

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