- हिंदू धर्म में इंदिरा एकादशी के व्रत का अहम महत्व है
- हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल इंदिरा एकादशी का व्रत 21 सितंबर 2022 दिन बुधवार को रखा जाएगा
- इंदिरा एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित होता है
Indira Ekadashi 2022 Date And Time: हिंदू धर्म में सभी एकादशी का विशेष महत्व है। इनमें से एक है इंदिरा एकादशी। इंदिरा एकादशी का व्रत पितृपक्ष में पड़ने वाली एकादशी के दिन रखा जाता है। हिंदू धर्म में इंदिरा एकादशी के व्रत का अहम महत्व है। हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल इंदिरा एकादशी का व्रत 21 सितंबर 2022 दिन बुधवार को रखा जाएगा। इंदिरा एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित होता है। इसे 'एकादशी श्राद्ध' भी कहा जाता है। एकादशी व्रत का मुख्य उद्देश पितरों को मोक्ष देना है, ताकि उनकी आत्मा को शांति मिल सके। इस व्रत को रखने से भगवान विष्णु की विशेष कृपा बनी रहती हैं। इस व्रत के दिन भगवान विष्णु की विधि विधान से पूजा करनी चाहिए व व्रत कथा का पाठ जरूर करना चाहिए। आइए जानते हैं इंदिरा एकादशी व्रत का महत्व व शुभ मुहूर्त।
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जानिए शुभ मुहूर्त (Indira Ekadashi 2022 Date And Time)
इंदिरा एकादशी का व्रत रखने का शुभ मुहूर्त है 21 सितंबर दिन बुधवार का है। एकादशी तिथि की शुरुआत 20 सितंबर शाम 9 बजकर 25 मिनट में होगी। वहीं एकादशी की समाप्ति 11बजकर 35 मिनट शाम में होगी।
इंदिरा एकादशी के दिन न करें ये काम
एकादशी के दिन किसी भी प्रकार के तामसिक भोजन का सेवन करने से बचें। इंदिरा एकादशी के दिन भोग-विलास से दूर रहना चाहिए। एकादशी के दिन ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। ध्यान रहें कि इस दिन घर में झाड़ू नहीं लगाना चाहिए और न ही बाल, दाढ़ी, नाखुन काटने जैसे कार्य नहीं करने चाहिए। एकादशी के दिन जितना संभव हो मौन का धारण करना चाहिए। इस दिन झूठ बोलना, निंदा करना, चोरी करना, गुस्सा करना जैसे काम नहीं करने चाहिए।
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जानिए, क्या है इसका महत्व
ज्योतिषाचार्य के मुताबिक इंदिरा एकादशी के व्रत के एक दिन पहले दशमी शुरू हो जाती है। दशमी के दिन मृत पूर्वजों के लिए अनुष्ठान किया जाता है और प्रार्थना की जाती है। इंदिरा एकादशी के दिन गरीबों को भोजन कराना शुभ माना जाता है व गाय को रोटी खिलाना भी अच्छा माना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की विधि विधान से पूजा व भक्ति करके व्यक्ति भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त करता है।
(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)