- देवी की पूजा हमेशा भगवान विष्णु के साथ करनी चाहिए
- देवी लक्ष्मी की पूजा हमेशा शाम के समय ही करनी चाहिए
- जहां महिलाओं का सम्मान नहीं होता, वहां देवी कभी नहीं आतीं
देवी लक्ष्मी केवल धन ही नहीं, बल्कि वैभव और सुख-शांति देने वाली भी है। देवी को प्रसन्न करना आसान नहीं ये तो सभी जानते हैं, लेकिन उससे भी मुश्किल कार्य है देवी को अपने पास रोके रखना। इसलिए देवी लक्ष्मी की पूजा करते समय कुछ खास ध्यान रखना चाहिए। देवी लक्ष्मी ऐसे घर में देखती भी नहीं जहां महिलाओं का सम्मान न होता हो। कलह और अशांति भरे माहौल में वह कभी नहीं टिकती हैं। इसलिए देवी की पूजा करने के साथ घर के माहौल को भी बेहतर बनाए रखना जरूरी होता है। देवी को प्रसन्न करने के लिए शुक्रवार के दिन उनकी विशेष पूजा करनी चाहिए और ये पूजा संध्या के समय करनी चाहिए।
इन 6 उपायों को यदि कर लिया आपने, तो कभी नहीं होगी धन की कमी
1. देवी लक्ष्मी की आराधना शुक्रवार की शाम को करें, लेकिन उनकी पूजा कभी अकेले नहीं करनी चाहिए। देवी की पूजा तभी फलीभूत होगी और वह प्रसन्न होंगी, जब इनकी आरधान के साथ भगवान विष्णु के साथ की जाए।
2. शुक्रवार के दिन सर्वप्रथम सुबह के समय दक्षिणावर्ती शंख में जल भरकर भगवान विष्णु का अभिषेक करें और उसके बाद शाम के समय देवी लक्ष्मी के साथ उनकी भी पूजा करें। साथ ही पीले कपड़े में पांच पीली कौड़ी पर थोड़ी सी केसर लगा दें। अब इसमें एक चांदी के सिक्के को भी बांधकर अपने तिजोरी में रख लें। ये उपाय आपके ऊपर के सारे कर्ज को दूर कर देगा और आपको कभी धन की कमी नहीं होगी।
3. शुक्रवार की शाम को घर में ईशान कोण यानि उत्तरी-पूर्वी कोने में गाय के घी का दीपक जलाया करें। याद रहें दीपक में बाती रुई की न हो। रुई की बाती की जगह लाल धागा या लाल रक्षा धागे का प्रयोग करें। इतना ही नहीं अगर संभव हो तो इस दीपक में केसर का प्रयोग जरूर करें।
4. शुक्रवार के दिन गरीबों को सफेद वस्तु दान करें या फिर किसी अपाहिज या गाय को भोजन भी करा सकते हैं, इससे आपकी आर्थिक स्थिति अच्छी होगी।
5. शुक्रवार के दिन तीन 9 साल से छोटी कन्याओं को घर बुलाकर खीर खिलाएं। याद रखें खीर खिलाने के बाद उन्हें दक्षिणा और पीला वस्त्र भी दें।
6. शुक्रवार को श्रीयंत्र का गाय के दूध से अभिषेक करें तथा अभिषेक किए हुए जल का पूरे घर में छिड़काव करें।
देवी की पूजा हमेशा शांत मन और माहौल में करनी चाहिए। तभी इस पूजा का पूर्ण फल प्राप्त होता है।