- दिवाली पर मां लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा का विधान है
- मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए शास्त्रों में कई उपाय भी दिए गए हैं
- जब पूजा करने जाएं तो सबसे पहले कुछ बातों का ध्यान जरूर रख लें
दिवाली पर मां लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा का विधान है। इस दिन मां लक्ष्मी का घर में आगमन होता है। मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए शास्त्रों में कई उपाय भी दिए गए हैं। गणेश लक्ष्मी की पूजा की थाली में कुछ खास चीजों का होना बहुत जरूरी होता है।
यही नहीं भगवान का आसन और उनकी स्थपना कि दिशा में करें ये भी बहुत मायने रखती है। इसलिए जब पूजा करने जाएं तो सबसे पहले कुछ बातों का ध्यान जरूर रख लें। दिवाली में पूजा के बाद आरती की जाती है क्योंकि मां लक्ष्मी घर में आती हैं तो लोगों का भाग्य बदल जाता है। आइए आप भी मां लक्ष्मी की आरती करिये।
ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता
तुमको निशदिन सेवत, मैया जी को निशदिन * सेवत हरि विष्णु विधाता
ॐ जय लक्ष्मी माता-2
उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता
सूर्य-चन्द्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता
ॐ जय लक्ष्मी माता-2
दुर्गा रूप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता
जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता
ॐ जय लक्ष्मी माता-2
तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाता
कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी, भवनिधि की त्राता
ॐ जय लक्ष्मी माता-2
जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आता
सब सम्भव हो जाता, मन नहीं घबराता
ॐ जय लक्ष्मी माता-2
तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता
खान-पान का वैभव, सब तुमसे आता
ॐ जय लक्ष्मी माता-2
शुभ-गुण मन्दिर सुन्दर, क्षीरोदधि-जाता
रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता
ॐ जय लक्ष्मी माता-2
महालक्ष्मीजी की आरती, जो कोई नर गाता
उर आनन्द समाता, पाप उतर जाता
ॐ जय लक्ष्मी माता-2
ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता
तुमको निशदिन सेवत,
मैया जी को निशदिन सेवत हरि विष्णु विधाता
ॐ जय लक्ष्मी माता-2
मां लक्ष्मी का मंत्र
शुक्रवार के दिन सुबह से ही मां लक्ष्मी का मंत्र जाप करना शुरू कर दें। इसके साथ साथ अपने घर के मंदिर में घी का दीपक जलाएं और फिर मां लक्ष्मी के सामने बैठ कर 108 बार ॐ श्रीं श्रीये नम: का जाप करें।