नई दिल्ली: हिंदू धर्म में हनुमान जी अत्यंत बलशाली और उदार देव माने जाते हैं। ऐसी मान्यता है कि मंगलवार और शनिवार के दिन सच्चे मन से श्रद्धालु उनसे जो भी मांगता है वह उसे जरूर पूरा करते हैं। हनुमानजी के भक्तों के लिए लिए मंगलवार और शनिवार का दिन बहुत खास दिन होता हैं। इन दो दिनों मे की गई हनुमान जी की पूजा विशेष फल देती है। ऐसी मान्यता है। हनुमान जी की पूजा के बाद की गई आरती विशेष फलदायी होती है। मंगलवार और शनिवार को हनुमान चालीसा के अलावा आप सुंदरकाड का भी पाठ कर सकते हैं जो बेहद कल्याणकारी माना जाता है।
हनुमान जी की आरती
आरती किजे हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ।
जाके बल से गिरवर काँपे । रोग दोष जाके निकट ना झाँके ।
दे वीरा रघुनाथ पठाये । लंका जाये सिया सुधी लाये।
लंका सी कोट संमदर सी खाई । जात पवनसुत बार न लाई ।
लंका जारि असुर संहारे । सियाराम जी के काज सँवारे ।
लक्ष्मण मुर्छित पडे सकारे । आनि संजिवन प्राण उबारे ।
पैठि पताल तोरि जम कारे। अहिरावन की भुजा उखारे ।
बायें भुजा असुर दल मारे ।दाहीने भुजा सब संत जन उबारे ।
सुर नर मुनि जन आरती उतारे ।जै जै जै हनुमान उचारे ।
कचंन थाल कपूर लौ छाई ।आरती करत अंजनी माई ।
जो हनुमान जी की आरती गाये । बसहिं बैकुंठ परम पद पायै ।
लंका विध्वंश किये रघुराई । तुलसीदास स्वामी किर्ती गाई ।
आरती किजे हनुमान लला की । दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ।
हनुमान देव भगवान शंकर के अवतार माने जाते हैं। बजरंगबली को सिंदूर चढ़ाने की परंपरा चली आ रही है। भक्त उन्हें चमेली का तेल भी उन्हें प्रसन्न करने के लिए चढ़ाते हैं। राम भक्त हनुमान जी को ब्रह्मचारी के रूप में भी हम सब जानते हैं लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि उनका मकरध्वज नाम का एक बेटा भी था। मंगलवार के दिन हनुमान जी के सिंदूर का तिलक करना बेहद शुभ माना जाता है।