- देश की राजधानी दिल्ली में कई आध्यात्मिक स्थल और मंदिर हैं
- दिल्ली के मंदिरों की वास्तुकला देखने के लिए देश-विदेश से लोग आते हैं।
- बिरला, कालकाजी और अक्षरधाम ऐसे ही मंदिरों में से एक हैं।
मुंबई. देश की राजधानी दिल्ली एतिहासिक नगरी भी है। राजनीति का केंद्र होने के साथ-साथ यहां कई आध्यात्मिक स्थल और मंदिर हैं, जिनकी वास्तुकला देखने के लिए देश-विदेश से लोग आते हैं।
दिल्ली का लक्ष्मी नारायण मंदिर उर्फ बिरला मंदिर दिल्ली के सबसे सुंदर मंदिरों में से एक है। ये मंदिर देवी लक्ष्मी और उनके पति नारायण को समर्पित है।मंदिर के चारों ओर भगवान शिव, गणेशजी, हनुमान और बुद्ध को समर्पित भी छोटे-छोटे मंदिर है।
1939 में स्थापित हुए इस मंदिर का उद्घाटन महात्मा गांधी जी ने किया था। महात्मा गांधी ने शर्त रखी थी ये मंदिर में सभी धर्म और जाति के लोगों का प्रवेश होगा। बिरला मंदिर सप्ताह के सातों दिन खुला रहता है।
कालकाजी मंदिर
दिल्ली का कालकाजी मंदिर भारत से प्राचीन मंदिरों में से एक है। नेहरू प्लेस पर स्थित ये मंदिर काली माता को समर्पित है। इसे मनोकामना सिद्ध पीठ भी कहा जाता है।
कालकाजी मंदिर का गर्भगृह 12 तरफा है, जिसमें हर एक पक्ष पर संगमरमर से सजा हुआ एक गलियारा है। यहां गर्भगृह को चारों तरफ से घेरे हुए एक बरामदा है जिसमें 36 धनुषाकार मार्ग हैं।
अक्षरधाम मंदिर
स्वामी नारायण अक्षरधाम मंदिर को अक्षरधाम मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। ये मंदिर भारतीय वास्तुकला का एक अनूठा नमूना है। इस मंदिर को 11 हजार से ज्यादा कारीगरों ने मिकर बनाया है।
अक्षरधाम मंदिर का पूरा परिसर पांच हिस्सों में बंटा हुआ है। इसमें 20 हजार से ज्यादा मूर्तियां हैं। इसके अलावा यहां पर होने वाला नाइट शो मुख्य आकर्षण का केंद्र है।