- उगते सूर्य को रोज जल देने से कुंडली में ग्रह मजबूत होता है
- सूर्य यदि अस्त भाव में कुंडली में हो तो जातक को तमाम कष्ट मिलते हैं
- सफलता और प्रगति के लिए सूर्य का मजबूत होना बहुत जरूरी है
सूर्य यदि किसी जातक का मजबूत हो तो उसे जीवन में न केवल हर कार्य में सफलता हासिल होती है, बल्कि उसके मान-सम्मान और पद-प्रतिष्ठा में भी बढ़ोतरी होती है। सूर्यदेव भी शनिदेव की तरह ही मनुष्य को राजा से रंक और रंक से राजा बनाने की शक्ति रखते हैं। इसलिए कई बार जातकों की कुंडली में सूर्य उदित न हो कर अस्त रूप में विराजमान होता है। ऐसे में जातक के जीवन में भी अंधकार छाया रहता है। हर कार्य में असफलता, मान-सम्मान में कमी आदि की समस्याएं उसके जीवन में विकट रूप धारण कर लेती हैं। इसलिए सूर्य को मजबूत बनाने के लिए हर किसी को हर संभव प्रयास करना चाहिए।
जानें किसी भाव का सूर्य, क्या देता है फल
यदि कुंडली के प्रथम भाव में सूर्य हों तो जातक चुस्त-दुरुस्त और अभिमानी होता है। वहीं यदि सूर्य दूसरे भाव में बैठा हो तो जातक को मान-सम्मान, प्रतिष्ठा खूब मिलती है, लेकिन पैतृक संपत्ति नहीं मिलती। तीसरे भाव का सूर्य जातक को शासन-प्रशासन में भेजता है, जबकि चौथे भाव का सूर्य अच्छा नहीं माना जाता। ऐसे जातक के पिता की आर्थिक स्थिति खराब होती है और परिवार में कलह बनाता है। पांचवे भाव में सूर्य अपनी राशि के अनुसार फल देता है और छठे भाव में सूर्य जातक को बेहद ताकतवर और साहसी बनाता है।
सातवें भाव में सूर्य हो तो दांपत्य जीवन बेहतर होता है और आठवें भाव का सूर्य सत्यकामी और नवम भाव का सूर्य उच्च पद दिलाने वाला होता है। 10वें भाव का सूर्य जातक की सफलता और 11वें भाव का सूर्य सरकारी नौकरी दिलाता है। वहीं 12वें भाव का सूर्य व्यक्ति को झगड़ालू बनाता है। इतना ही नहीं, यदि कुंडली में सूर्य कमजोर हो जातक को बहुत कष्ट उठाने पड़ते हैं।
सूर्य को मजबूत बनाने के लिए करें प्रतिदिन ये उपाय
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सूर्य को मजबूत बनाने का सबसे आसान और कारगर उपाय है कि आप रोज उगते हुए सूर्य को "ॐ घृणि सूर्याय नम:" मंत्र जपते हुए जल दें। जल में लाल फूल और रोली मिला कर अर्घ्य देना चाहिए।
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यदि सूर्य कुंडली में अस्त स्थिति में बैठा है तो सूर्य को जल देने के बाद पूर्व दिशा की ओर मुख कर बैठ जाएं। बैठने के लिए लाल आसन का प्रयोग करें और इसके बाद प्रतिदिन आदित्य हृदय स्रोत का पाठ करें।
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यदि कुंडली में सूर्य नीच भाव में हो और बहुत ज्यादा कष्ट दे रहा तो एक चीज हमेशा ध्यान रखें कि कभी भी किसी चीज मुफ्त में या उधार में न लें। साथ ही न ही आप किसी को कोई चीज भी न दें।
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यदि सूर्य कुंडली में बहुत ही कमजोर हो तो जातक को 7 रत्ती का माणिक्य तांबे की अंगूठी में बनवाकर रविवार के दिन धारण करना चाहिए। अंगूठी को सूर्यदेव के मंत्र से पहले अभिमंत्रित कर लेना चाहिए।
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सूर्य को मजबूत बनाने के लिए जातक को अपने माता-पिता या माता-पिता समान लोगों की खूब सेवा करनी चाहिए और उनका सम्मान करना चाहिए। भूल कर भी उन्हें कोई कष्ट नहीं होने देना चाहिए।
सूर्य यदि मजबूत बनेगा तो जातक की कुंडली में भी उजाला आएगा और इससे विकास और प्रगति का मार्ग प्रशस्त होगा।