मंगल नवग्रहों में से एक है। लाल किताब में दो तरह के मंगल का जिक्र है नेक मंगल और बद मंगल। नेक मंगल के देवता हनुमान जी हैं और नेक मंगल शुभफल देता है। बद मंगल पर जिन्न या प्रेत आत्म का प्रभाव होता है। नेक मंगल जब किसी पर हावी होता है तो ऐसा इंसान बेहद नकारात्मकता से भरा होता है। साथ ही इसमें गुस्सा, चिड़चिड़ापन और काम बिगाड़ने के संकेत देखने को मिलते हैं। हालांकि मंगल दोष के प्रभाव कम या ज्यादा सभी पर कुछ न कुछ होते हैं, लेकिन यदि बद मंगल हावी हो तो इंसान पर इसके अशुभ प्रभाव नजर आते हैं। लाल किताब में बद मंगल के लक्षण, निशानी और इसके आधार पर उपाय भी बताए गए हैं।
ऐसे पहचानें व्यक्ति में बद मंगल के दिखने वाले लक्षण
- मंगल बद होने का पहला लक्षण होता है कि संबंधित व्यक्ति के बड़े भाई के नहीं होने की संभावना होती है।
- यदि उसका भाई हो तो बड़े भाई से दुश्मनी रहती है।
- बद मंगल बच्चे पैदा करने में अड़चन पैदा करता है या बच्चे होकर मर जाते हैं।
- बद मंगल यदि हावी तो एक आंख से कम दिखाई देता है।
- बंद मंगल गुस्से को बढ़ा देता है। इंसान गुस्से में पागल हो जाता है।
- बद मंगल हावी हो तो जोड़ों की समस्या के साथ रक्त की कमी या अशुद्धि की दिक्कत भी होती है।
मंगल नेक हो हावी तो दिखते हैं ऐसे लक्षण
- नेक मंगल जिनका होता है वे न्यायप्रिय और ईमानदार होते हैं।
- नेक मंगल वाले साहसी और नेतृत्व क्षमता वाले होते हैं।
- मंगल नेक होता है तो इंसान के अंदर अच्छाई होती है ये लोग नेक काम करते हैं।
यदि मंगल बद हो और मिल रहे विपरीत परिणाम तो ये उपाय अपनाएं
- बद मंगल के प्रभाव से हनुमान जी ही बचा सकते हैं इसलिए उनकी आराधना करें।
- मंगल बहुत खराब हो तो ऐसे लोगों को आंखों में सफेद सूरमा जरूर लगाना चाहिए।
- बद मंगल के बुरे प्रभाव या काम बिगड़ने से रोके लिए जब भी घर से बाहर निकलें, गुड़ खा लें।
- बद मंगल खराब होता है तो भाई से रिश्ते खराब करता है, लेकिन ऐसे में जरूरी है कि आप अपने भाई से कोशिश कर रिश्ते को बेहतर बनानते रहें।
- क्रोध और वाचालता से दूर रखने का हर संभव प्रयास करना चाहिए।
- बद मंगल से मुक्ति के लिए पिता और गुरु का सम्मान करें।
लाल किताब के ये चमत्कारिक उपाय बद मंगल को दूर कर आपके जीवन को सुखमय बना सकते हैं।